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पंजाब : लंपी बीमारी की वजह से दूध कम,रोज़ाना दो करोड़ का घाटा

पशुओं में हो रहे लंपी संक्रमण का असर अब दूध उत्पादन पर पड़ रहा है। पशुओं के संक्रमित होने से सूबे के दूध उत्पादन में 15 लाख लीटर की गिरावट आ गई है। उत्पादन गिरने से दुग्ध उत्पादकों को हर रोज छह करोड़ रुपये की चपत लग रही है। पंजाब में प्रतिदिन 220 लाख लीटर दूध का उत्पादन स्थानीय डेयरी फार्मों और ग्रामीण क्षेत्रों में होता है।

पंजाब सरकार की ओर से इस संक्रमण से पशुओं को बचाने के लिए 66666 वैक्सीन मंगाई गई है। सोमवार से प्रभावित जिलों में पशुओं को यह वैक्सीन मुफ्त में दी जा रही है।

पंजाब में अभी करीब 6000 डेयरी फार्म संचालित हो रहे हैं। 3.5 लाख किसान डेयरी फार्म से जुड़े हैं। भारत में कुल होने वाले दूध उत्पादन में पंजाब 6 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान दे रहा है। 2012 के मुकाबले पंजाब में प्रति पशु होने वाले दूध उत्पादन में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2012 में जो उत्पादन प्रति पशु 3.51 किलोग्राम था वह अब बढ़कर 5.27 किलोग्राम पहुंच गया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पशुओं में लंपी त्वचा रोग के कारण उत्पन्न हालात की प्रभावी निगरानी के लिए मंत्रियों की एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और पशुपालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को शामिल किया गया है। पशु पालन विभाग के सीनियर अधिकारी और गुरु अंगद देव वेटरेनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ इस कमेटी का सहयोग करेंगे।

पंजाब में पशुओं में फैल रही लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के उपायों के तहत पशु पालन, मछली पालन व डेयरी विकास विभाग ने विभिन्न जिलों में लगने वाले पशु मेलों के आयोजन पर रोक लगा दी है।इस बीच, विभाग ने गोशालाओं के साथ ही लावारिस गायों पर भी विशेष ध्यान देना शुरू किया है ताकि स्वस्थ पशुओं को उनसे अलग रखकर इस रोग से बचाया जा सके।

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