झारखंड में सोरेन-सरकार किसानों की मदद के लिए सूबे के सभी 167 क्रषि रक्षा ईकाइयों की मदद लेगी। ड्रोन की मदद से मुफ्त छिड़काव किया जायेगा। सूत्रों के अनुसार फसलों की निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों के समय की बचत होगी। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है और कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया है। बता दें कि राज्य के 167 सेंटर से किसानों को ड्रोन की मुफ्त सेवा मिलेगी।
इस योजना में कुल 32 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। हालांकि यह लागत बढ़ भी सकती है। ड्रोन की खरीदारी और प्रशिक्षण के बाद प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर पर कोई भी किसान अपने खेतों में छिड़काव के लिए आवेदन देगा। इसके बाद सेंटर से ड्रोन ले जाकर किसान के खेतों में छिड़काव किया जाए।
यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त में दी जाएगी। विभाग की ओर से फसल और पौधे के पोषण के लिए दवा और कीटनाशक दवा सहित अन्य की खरीदारी भी विभाग की ओर से की जा रही है।राज्य में कुल 167 प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर पहले से बने हुए हैं। हर सेंटर में तीन पद सृजित हैं। जिसमें कनीय प्लांट प्रोटेक्शन अफसर सहित अन्य के पद शामिल है। लेकिन सेंटर पर कर्मियों की कमी है। इसके लिए अब आउटसोर्स के जरिए कर्मियों को बहाल किए जाने की योजना बनाई जा रही है।
ड्रोन सहित अन्य उपकरण की खरीदारी सरकार की ओर से की जा रही है। हालांकि कितने ड्रोन खरीदे जाएं, इस पर अभी विचार चल रहा है। इसके बाद संविदा कश (आउटसोर्स) कर्मियों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जब विभाग की ओर से फसल नुकसान को लेकर जमीन आंकलन कराया गया और इसमें फसल नुकसान के कारणों की भी जानकारी ली गई। तब समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं होने और अन्य रोगों से फसल के खराब होने की भी जानकारी मिली। इसके बाद फसलों को बचाने के लिए ड्रोन से दवा छिड़काव करने और सर्वे का काम लिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।