राज्य में प्राकृतिक खेती की तर्ज पर अब हर्बल हब बनाने के लिए चंपावत जिले में इस साल जिले में तेजपत्ता, गुलमेहंदी (रोजमेरी) और बड़ी इलायची की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए मौजूदा वित्त वर्ष में भेषज विकास इकाई के बजट में 168 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई
है।
राज्य के इस जिले में ‘एक उत्पाद’ एक योजना के तहत तेजपत्ता की खेती को बढ़ाने के लिए हर ब्लॉक में कृषिकरण किया जाएगा। भेषज विकास इकाई के जिला समन्वयक कमलेंद्र यादव ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भेषज का बजट 9.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख किया गया है।
इस खेती से ग्रामीण स्वरोजगार बढ़ाने के लिए एमबीएडीपी और अन्य योजनाओं से भी बजट दिया जाएगा। जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में साढ़े तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तेजपत्ता की खेती हो रही है। पिछले साल 2190 किसानों ने 3250 क्विंटल की पैदावार की।
जिले के कांडा, घुड़चुम, बाराकोट, पाटी में तेजपत्ता का कृषिकरण होगा। इसी तरह वल्सों, जौल, कांडा गांव में गुलमेहंदी की खेती होगी। बड़ी इलायची के लिए गांवों का चयन अभी नहीं किया जा सका है। पानी की उपलब्धता वाली जगह में बड़ी इलायची की खेती होगी।