पहली अक्तूबर से पंजाब की मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने मंडियों में धान की सुचारु खरीद के लिए राज्यभर में 1804 खरीद केंद्र स्थापित किए हैं। फसल की तुरंत खरीद और उठान के लिए सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए हैं। इसके अलावा मंडियों में भीड़भाड़ की स्थिति से बचने के लिए 364 अस्थायी मंडियां भी अधिसूचित की गई हैं।
प्रदेश की मंडियों में धान की खरीद को लेकर मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान ने सभी जिलों के डीसी के साथ शुक्रवार को एक अहम बैठक की। बैठक चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में हुई है। बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। पंजाब में अब धान की खरीद के साथ ही लिफ्टिंग को भी यकीनी बनाया जाएगा। डीसी को रोजाना 7 से 8 मंडियों में जाकर खरीद का जायजा लेना होगा। त्योहारों से पहले फसल की खरीद पूरी होगी।
कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा है कि पंजाब सरकार किसानों कोई परेशानी नहीं आने देगी। किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। इस साल 184.45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि राज्य सरकार ने कुल 191 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के प्रबंध किए हैं। आरबीआई की तरफ से सीसीएल के रूप में 37,625.68 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं, जिससे किसानों को तुरंत उनकी फसल का भुगतान भी कर दिया जाएगा।
इसी बैठक में इस दौरान पराली की समस्या के मुद्दे पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को पराली मुद्दे पर जागरूक किया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री श्री मान ने कहा कि आने वाले 15 दिनों में मॉनटरिंग भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले 23 हजार मशीनें और दी जाएंगी। सभी जिले के डीसी को मशीनों का सही इस्तेमाल करवाने के लिए सख्त हिदायतें जारी की हैं।
पंजाब के खाद्य सचिव गुरकीरत सिंह ने किसानों से कहा है कि वह गीले माल मंडी में लेकर न आएं, क्योंकि फिर उन्हें सुखाना पड़ता है, जिसके लिए ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती है और दूसरे किसान को जगह न मिलने के कारण परेशानी को सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि किसानों के भुगतान के लिए अतिरिक्त रुपये सरकार के पास हैं वह बस मंडी में आकर अपना माल बेंचे और खुशी-खुशी अपने घर जाएं।