शुगर के मरीजों के खाने लायक चावल के लिए धान की दो नई किस्में विकसित की गई हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र ने विकसित किया है। इन किस्मों को मधुमेह रोगियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए शुगर मुक्त चावल के लिए चावल की दो किस्मों IRRI 147 और IRRI-162 की पहचान की है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि धान की दोनों किस्मों क्लीनिकल मानव परीक्षण किया गया है.। इसमें 12-15 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी चावल खाने से पहले और बाद शुगर की जांच की गई।
वैज्ञानिकों ने पाया कि और दूसरे चावल के मुकाबले IRRI के शुगर फ्री चावल से किसी भी व्यक्ति के शरीर में शुगर की मात्रा में सीमित बढ़ोत्तरी होती है, जिससे शुगर नियंत्रित रहता है। डाक्टरों के अनुसार एक सामान्य व्यक्ति में 100 से 200 के बीच का शुगर लेवल सही माना गया है. इस मात्रा से शुगर की कमी या बढ़ोत्तरी को सेहत के लिए खराब माना जाता है और कई अंगों के नुकसान होने खतरा बढ़ जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार अधिकतर चावल के किस्मों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) 70 से 92 के बीच होता है, जिसे मधुमेह ग्रस्त लोगों के लिए स्वास्थ्यकर नहीं माना जाता है। अधिक जीआई वाले खाद्य पदार्थ रक्त में शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि करते हैं।
ऐसे में IRRI के फिलीपींस मुख्यालय और भारत में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय केंद्र वाराणसी में कम जीआई मान वाले चावल की नई किस्मों पर अनुसंधान किया गया। जिसमे दो प्रजातियों पर चार साल के शोध के बाद सफलता मिली है और कम जीआई वाले किस्मों की पहचान के लिए शोध जारी है, जो शुगर बीमारी ग्रसित लोगों के लिए चावल का उत्कृष्ट विकल्प हो सकती हैं।