tag manger - आबकारी विभाग किसानों को फलदार बाग लगाने को बढ़ावा देगा – KhalihanNews
Breaking News

आबकारी विभाग किसानों को फलदार बाग लगाने को बढ़ावा देगा

उत्तर प्रदेश में होने वाले फलों में शराबखानों के लिए उपयोगी फलों के किसानों की सूची बनायी जा रही है। प्रदेश में सबट्रॉपिकल फल आम, जामुन, अमरूद, केला, आंवला, आडू, चीकू, फालसा, शहतूत, बेर की खेती-किसानी करने वाले किसानों को सूचीबद्ध कर आगे उनके साथ बैठकें की जाएंगी। वहीं इस पहल के बाद किसानों बचे उत्पाद या ज्यादा उत्पाद नुकसान से बचेंगे। साथ ही उन फलों की खेती के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और स्वरोजगार के अवसर खुलेंगे।

उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में फलों की खेती को बढ़ावा देने, उत्पादित फलों को उचित बाजार उपलब्ध कराने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आगामी 09 जुलाई, 2022 को एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा।

संगोष्ठी में प्रदेश के फल उत्पादकों को उनके चौमुखी विकास हेतु वाइनरी के क्षेत्र में हो रही नवीन गतिविधियों और तकनीकी से अवगत कराया जायेगा। जिससे फल उत्पादक किसानों के उत्पादित अतिरिक्त और अवशेष फलों का सदुपयोग हो सकेगा और किसानों को उनके फलों का अच्छा मूल्य प्राप्त होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। यह निर्णय लखनऊ में अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गन्ना संस्थान में आयोजित बैठक में लिया गया।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए भूसरेड्डी ने बताया कि संगोष्ठी के लिए परामर्शदात्री समिति, आयोजन समिति, वित्त समिति, प्रदर्शनी एवं पंडाल समिति, निदेशक सूचना की अध्यक्षता में प्रचार-प्रसार समिति, आमंत्रण समिति, आतिथ्य सत्कार एवं परिवहन समिति, कार्यक्रम स्थल समिति और सुरक्षा एवं यातायात समिति गठित की गयी है।

बैठक में आबकारी आयुक्त सेंथिल पंडियन सी., विशेष सचिव आबकारी निधि गुप्ता वत्स सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि प्रदेश की योगी-सरकार ने 13 जिलो में और शराबखाने लगाने के प्रस्ताव पर सहमति दी है | इनमें अमरोहा,रामपुर, शाहजहांपुर, गोरखपुर जैसे जिले हैं|

About admin

Check Also

महाकुंभ 2025 : बिना पासपोर्ट के ही पहुंच गये साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों के परिंदे

महाकुंभ 2025 : बिना पासपोर्ट के ही पहुंच गये साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों के परिंदे

इस बार उत्साह ज्यादा है। नयी पीढ़ी को ननिहाल देखने की ललक भी थी। नाम …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *