बांग्लादेश में सत्ता अब सेना के पास है। हालांकि अंतरिम सरकार का गठन करने का ऐलान किया गया है। भारत और बांग्लादेश की सीमा पर आवाजाही बंद कर दी गई है। भारतीय सीमा पर सब्जियों से लेकर निर्यात किये जा रहे सामान से लदे सैकड़ों ट्रक खड़े हैं। भारतीय सीमा पर रात का कर्फ्यू है और सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ियां बढ़ा दी गई हैं।
बांग्लादेश के बाजारों में भारतीय प्याज ही बिकता है। अब बाज़ार बंद होने से भारतीय प्याज कारोबार पर भी असर पड़ा है। इधर भारत ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया है। इसके बावजूद खुदरा बाजार में प्याज के दाम बढ़े हुए हैं। कारोबारियों के अनुसार लगातार और ज्यादा बरसात से प्याज के लदान पर बुरा असर मंडियों को प्रभावित कर रहा है।
मिली जानकारी अनुसार बांग्लादेश में जारी हिंसा का असर प्याज पर भी पड़ रहा है। खबर है कि भारत-बांग्लादेश की सीमा पर नासिक से गए प्याज के कई ट्रक फंस गए हैं। ऐसे में प्याज की कीमतों पर इनका असर देखने को मिल सकता है। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर करीब 70 से 80 ट्रक फंसे होने की जानकारी मिली है। दरअसल केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले बांग्लादेश में 80,000 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी।
इस संबंध में स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार से संपर्क करने की अपील की है। पीएम मोदी को लिखे पत्र में राजू शेट्टी ने कहा कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात से प्याज उत्पादक किसानों पर असर पड़ रहा है। बता दें कि अगर प्याज से भरे ये ट्रक लौटकर भारत वापस आते हैं तो देश में प्याज की कीमतें कम हो सकती हैं। फिलहाल, भारत में प्याज की खुदरा कीमतें 50 रुपये किलो है. पिछले कुछ दिनों में प्याज और टमाटर की कीमतें बढ़ी हैं।
भारतीय बाजार पर निगरानी रखने वाली एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार भारत में शाकाहारी थाली 11 फीसदी महंगी हो गई है। इसमें प्याज और टमाटर की अहम भूमिका रही है। प्याज के दाम 20 फीसदी बढ़े हैं। अगर बांग्लादेश में प्याज सप्लाई नहीं होती है तो ये प्याज भारतीय बाजार में ही इस्तेमाल होगा। ऐसे में घरेलू बाजार में कीमतें गिर सकती हैं। भारतीय किसानों के लिए नई चुनौती खड़ी हो जाएगी।