इजराइल इन दिनों फिलिस्तीन के साथ जंग की वजह से चर्चा में है। दोनों देशों में भयंकर युद्ध चल रहा है। भारत में कृषि और किसानों को आगे बढ़ाने के लिए इजराइल का अहम योगदान है।
भारत में कृषि और किसानों की तरक्की के लिए इजराइल के योगदान को कभी कोई नकारा नहीं जा सकता। इंडो-इजराइल एग्रीकल्चरल प्रोजेक्ट के तहत इजराइल भारत के किसानों को आधुनिक खेती सिखा रहा है। इंडो इजराइल एक्सीलेंस सेंटर फॉर वेजिटेबल और इंडो-इजराइल विलेजिज ऑफ एक्सीलेंस के जरिए वो यह काम कर रहा है। इंडो-इजराइल विलेजिज ऑफ एक्सीलेंस नयी परियोजना है।
इजराइल कृषि क्षेत्र में काफी आगे है। वो इस क्षेत्र में भारत को 1993 से ही सहयोग दे रहा है। दोनों देशों के बीच कृषि तकनीक के आदान-प्रदान से उत्पादकता व बागवानी फसलों की गुणवत्ता में बहुत सुधार हुआ है। जिससे किसानों की आय बढ़ रही है।
इजराइल कृषि क्षेत्र में काफी आगे है। वो इस क्षेत्र में भारत को 1993 से ही सहयोग दे रहा है। दोनों देशों के बीच कृषि तकनीक के आदान-प्रदान से उत्पादकता व बागवानी फसलों की गुणवत्ता में बहुत सुधार हुआ है। जिससे किसानों की आय बढ़ रही है।
इस समय अलग-अलग राज्यों में फल, फूल और सब्जियों की आधुनिक खेती के लिए इजराइल के सहयोग से 30 से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं। कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच समझौता है। वो भारत में खेती-किसानी की तरक्की का साथी है।
भारत की खेती में उसका कितना बड़ा सहयोग है। इसे नई दिल्ली स्थित पूसा कैंपस और अलग-अलग राज्यों में स्थित एक्सीलेंस सेंटर में देखा जा सकता है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस किसानों को कृषि की सर्वोत्तम पद्धतियों का प्रदर्शन दिखाते हैं। यहां किसानों को ट्रेनिंग देते हैं।