खरीफ सीजन के तहत धान की बुवाई और रोपाई प्रक्रिया खत्म हो गई है| तो वहीं अगेती किस्म के धान के पौधे बड़े होने लगे हैं| इस बीच हरियाणा सरकार ने एक अहम फैसला लिया है| हरियाणा सरकार ने राज्य में धान की खेती करने वाले किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ देने का फैसला लिया है| राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों को पराली प्रबंधन (मैनेजमेंट) के लिए यह राशि देने का प्रावधान किया है|
हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार धान की खेती करने वाले किसानों को पराली मैनेजमेंट के लिए 1 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि दे रही है| जिसके लिए राज्य के किसानों को आवेदन करना हाेगा| प्रदेश के किसान कृषि विभाग की अधिकृत बेवसाइट https://fasal.haryana.gov.in/पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं|
हरियाणा और पंजाब की पराली असल में उत्तर भारत में प्रदूषण का प्रमुख कारण बनती रही है. असल में धान की कटाई के साथ ही ठंड शुरू हो जाती है| ऐसे में जब पारा नीचे गिरता है तो वहीं पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं होने लगती हैं| ऐसे में पंजाब और हरियाणा के पराली का धुंआ दिल्ली समेत एनसीआर में प्रदूषण का मुख्य कारण बनता है| जिसको लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर एक योजना चलाती है, जिसमें मशीनों के माध्यम से पराली मैनेजमेंट के लिए किसानों को सब्सिडी की कीमत में मशीनें उपलब्ध कराई जाती है|
इस साल पराली जलाने की नौबत न आए| इसके लिए सरकार ने पराली मैनेजमेंट मशीनरी पर भारी छूट देने का फैसला किया है| उम्मीद है कि छूट की वजह से किसान मशीनें खरीदेंगे और पराली जलाने की घटनाएं कम हो जाएंगी| छूट व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों श्रेणियों के लिए मिलेगी| इसके लिए किसान अगले 20 दिन में आवेदन कर सकते हैं| सरकार को उम्मीद है कि ज्यादा मशीनें बिकने से पराली जलने की घटनाओं में कमी आएगी|
हरियाण धान उत्पादन में अव्वल राज्य है| यहां पर सरकार पराली मैनेजमेंट करने में पिछले साल फेल साबित हुई थी| पराली जलने की घटनाओं के मामले में यह तीसरे नंबर पर है| केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 सितंबर 2021 से 30 नवंबर 2021 तक हरियाणा में पराली जलाने की 6987 घटनाएं रिकॉर्ड की गई थीं|
इसी अवधि में 2020 में यहां पर पराली जलाने की 4202 घटनाएं हुई थीं| ऐसे में समझा जा सकता है कि राज्य सरकार पिछले साल पराली जलने की घटनाओं को घटाने में नाकाम रही थी| ऐसे में इस बार अभी से तैयारी हो रही है| देखना ये है कि राज्य सरकार अपनी इस कोशिश में कितनी कामयाब होगी|