गुलदाउदी जाडे़ के मौसम का फूल है। अब यह बारह महीने खिलने वाला दिलकश फूल है। वैज्ञानिकों ने इसे सदाबहार फूल बनाने में सफलता हासिल की है। गुलदाउदी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है। साथ ही मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच …
Read More »धान की जगह कोई और फसल बोने पर हरियाणा- सरकार देगी 7 हज़ार की मदद
ज़मीन में पानी के गहराता संकट अब पंजाब के साथ हरियाणा सरकार की बड़ी चिंता है। सिंचाई को हर करने में जुटी हरियाणा – सरकार ने किसानों को मक्का, बाजरा, मूंग, उड़द,अरहर, कपास जैसी फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। एक किलो बासमती धान को तैयार करने …
Read More »कम आय वाले किसानों के लिएं है मनरेगा पशुधन शेड योजना
बहुत सारे ऐसे छोटे किसान हैं जो पशुपालन तो करते हैं लेकिन उनके पास अपने पशुओं के लिए टिकाऊ घर देने के लिए पूंजी का अभाव होता है। बिना घर के पशुपालन करना या पशुओं के लिए उचित रखरखाव का इंतजाम न कर पाना, पशुओं की उत्पादकता और उसके स्वास्थ्य …
Read More »ग्रीन हाउस : छोटे और सीमांत किसानों को हर मौसम में लाभ, अनुदान भी
लघु और सीमांत किसानों के लिए ग्रीन हाउस में खेती बेहद लाभकारी है। इसमें कम लागत और कम समय में किसान ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। सरकार छोटे और सीमांत किसानों को इसके लिए अनुदान भी देती है। किसानों के लिए ग्रीन हाऊस में खेती किसी वरदान से …
Read More »उत्तराखंड : खेतों में सौर उर्जा की जगह अब होगी बॉयो-फेंसिंग
उत्तराखंड में वन्यजीवों की ओर से फसलों के नुकसान को कम करने के लिए सौर ऊर्जा बाड़ की जगह अब बॉयो-फेंसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार की ओर से इसके लिए सेल गठित करने के साथ ही विशेष अधिकारी नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यह सेल बायो-फेंसिंग …
Read More »बासमती धान की तीन प्रजातियों को पूसा के वैज्ञानिकों ने बनाया रोगरोधी
आममौर पर बासमती धान में पत्ती का जीवाणु झुलसा और झोका रोग लगता है। मजबूरी में किसान इससे निपटने के लिए ट्राइसाइक्लाजोल नामक कीटनाशक का स्प्रे करते हैं। जिसके कारण चावल में कीटनाशक की मात्रा मिलती थी और खासतौर पर यूरोपीय यूनियन के देशों से हमारा चावल वापस आ जाता …
Read More »पशुओं के चारे से ज्यादा महंगा बिक रहा है गोबर
कृषि, वानिकी और मत्स्य उत्पादों के मूल्य’ नाम से आई रिपोर्ट के अनुसार, गोबर का 7.95 प्रतिशत सकल सालाना बढ़ोतरी दर से बढ़ा है। यह वित्त वर्ष 2011-12 (वित्त वर्ष 12) में 32,598.91 करोड़ रुपये था जो अब वित्त वर्ष 21 में बढ़कर 35,190.8 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं …
Read More »नुकसान के बाद भी फसल-बीमा कम्पनी नहीं सुनती तो उपभोक्ता-फोरम है न
किसान फसल बीमा कंपनियों की मनमानी से परेशान भी हैं। इस योजना के ज्यादातर नियम कंपनियों के हक में हैं, इसलिए वो क्लेम देने में आनाकानी करती हैं. फसल नुकसान होने के बावजूद क्लेम पाना आसान नहीं है। उसके लिए किसानों को कई शर्तों का दरिया पार करना होता है। …
Read More »रूस-यूक्रेन युद्ध का असर भारतीय चाय पर भी, विदेशी बाजारो मे खपत घटी
जलवायु परिवर्तन की मार के अलावा देसी और विदेशी बाजारों में दार्जीलिंग चाय की खपत भी घटी है । जानकारों का कहना है कि हालात तब से और भी खराब हुए हैं जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ है । सन 2022 में इन दोनों देशों …
Read More »डेयरी कारोबार : बारिश से पशुपालकों के सामने सूखे चारे का संकट
चारे पर ही डेयरी मालिकों और उनके मवेशियों का गुजारा चलता है लेकिन बारिश ने सूखे चारे को भी बर्बाद कर दिया है | यहां तक कि भूसा भी नहीं बचा जिसे किसान अपने मवेशियों को खिला सकें | सूखे चारे का भाव 550 रुपये से 800 रुपये क्विंटल तक …
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