सेब-कार्टन के दामों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी। दूसरे ही दिन गुरुवार को कैबिनेट बैठक में कार्टन पर जीएसटी में छह फीसदी छूट देने का फैसला लिया गया है। बागवानों को 18 के बजाय अब 12 फीसदी जीएसटी ही देना होगा।
सेब कार्टन के दाम बढ़ने पर घमासान मचा है। एक ओर जहां सेब बागवानों ने हड़ताल का एलान किया है, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। बीते बुधवार को कार्टन के दामों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी। दूसरे ही दिन गुरुवार को कैबिनेट बैठक में कार्टन पर जीएसटी में छह फीसदी छूट देने का फैसला लिया गया है।
बागवानों को 18 के बजाय अब 12 फीसदी जीएसटी ही देना होगा। यह जीएसटी राज्य सरकार अब खुद वहन करेगी। इससे कार्टन के रेट पूरी तरह से तो नहीं, लेकिन कुछ कम होंगे। मीडिया से बातचीत में बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बागवानों को कार्टन (बारदाने) पर 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ रहा था। सरकार ने अब जीएसटी में छह फीसदी की छूट देने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में एचपीएमसी व हिमफेड को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन निजी कंपनियां विभाग से संबद्ध हैं, जो बागवानों को कार्टन उपलब्ध करवाती हैं। पैकिंग ट्रे के लिए भी टेंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन इसमें किसी भी कंपनी ने भाग नहीं लिया। ट्रे के लिए अब फिर से टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। वहीं, कार्टन की कीमतों में 15 फीसदी बढ़ोतरी और सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य में महज एक रुपये की बढ़ोतरी से संयुक्त किसान मंच खफा है। मंच ने सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का फैसला लिया है। किसान मंच ने 20 जुलाई को प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बीते गुरुवार को बागवानों के प्रतिनिधिमंडल ने सुबह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की। कैबिनेट की बैठक के बाद जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र के बागवानों का एक प्रतिनिधिमंडल बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से भी मिला।
हिमाचल प्रदेश के नौ लाख सेब बागवानों को सरकार के उपक्रम एचपीएमसी ने कार्टन के दाम पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी तक बढ़ाकर बड़ा झटका दिया है। यही नहीं इस बार बागवानों को महंगे दामों पर पैकिंग ट्रे भी बाजार से खरीदनी होंगी। पिछले साल बाजार से सस्ते दामों पर निगम ने कंपनियों से पैकिंग ट्रे उपलब्ध करवाई थीं। इस बार कोई भी कंपनी ट्रे उपलब्ध करवाने के लिए आगे नहीं आई। हिमाचल प्रदेश हार्टिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉरपोरेशन (एचपीएमसी) ने इस बार बीस किलो के कार्टन की कीमत 66.78 से लेकर 75.65 रुपये तक, जबकि 10 किलो के कार्टन की कीमत 50.43 रुपये से लेकर 52.40 रुपये तक तय की है।
दूसरी तरफ बागवानों पर सेब सीजन के दौरान, कार्टन के बाद अब ग्रेडिंग मशीनों पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) बढ़ने की मार पड़ने वाली है। जीएसटी काउंसिल ने ग्रेडिंग मशीनों पर 5 से बढ़ाकर 18 फीसदी जीएसटी वसूलने का फैसला लिया है। 18 जुलाई से नई दरें लागू होंगी। इसके बाद दो लाख की ग्रेडिंग मशीन पर बागवानों को 36,000 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। ग्रेडिंग मशीनों के साथ इस्तेमाल होने वाले जनरेटर, स्टेबलाइजर और प्लास्टिक क्रेट पर 18 फीसदी जीएसटी वसूला जा रहा है। मशीन लगाने पर औसतन 10 लाख रुपये खर्च होते हैं। नई दरें लागू होने पर अब 1.80 लाख सिर्फ जीएसटी ही चुकाना होगा।