लघु और सीमांत किसानों के लिए ग्रीन हाउस में खेती बेहद लाभकारी है। इसमें कम लागत और कम समय में किसान ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। सरकार छोटे और सीमांत किसानों को इसके लिए अनुदान भी देती है।
किसानों के लिए ग्रीन हाऊस में खेती किसी वरदान से कम नहीं है। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, आंधी-तूफान, कड़ाके की धूप और शरीर को झुलसा देने वाली लू के गर्म थपेड़ों से भी ग्रीन हाउस में की गई खेती को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
इसमें लागत और मेहनत भी कम लगती है। साथ ही साल के बारहों महीने इसमें बेमौसमी सब्जियों की खेती आसानी से हो सकती है।Khalihannews.com ग्रीन हाउस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी स्थापना बंजर भूमि पर भी की जा सकती है।
ग्रीन हाउस में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा खुले वातावरण की khalihannews.comतुलना में कहीं अधिक होती है, जिससे पौधों में फोटोसेंथिसिस की प्रक्रिया बढ़ जाती है। इससे फसल की पैदावार तेजी से होती है। इसके अलावा ग्रीन हाउस में स्वायल स्टेरेलाईजेशन अच्छी मात्रा में होता है। इससे मृदा जनित फफूंद और अन्य रोगों का प्रकोप कम हो जाता है।
ग्रीन हाउस की लागत थोड़ी ज्यादा होती है। लघु और सीमांत किसानों के लिए इसकी लागत वहन करना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में कई राज्य सरकारें राज्य के किसानों की मदद करने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मुहैया कराती हैं।