विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने मंगलवार 10 दिसंबर की सुबह राज्यसभा के अध्यक्ष और भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी को सौंप दिया। विपक्ष का आरोप है कि धनखड़ ने “अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से” राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया है।
विपक्ष ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि कितने सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि प्रस्ताव सफल नहीं हो पाएगा। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि प्रस्ताव पर 65 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। एनडीटीवी के मुताबिक प्रस्ताव पर कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, आप, एसपी, डीएमके और आरजेडी के 50 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह व्यक्तिगत मामला नहीं है। हमने केवल विपक्षी सदस्यों के अपमान के खिलाफ आवाज उठाई है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि पिछले 72 साल में यह पहली बार है जब विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। यह दिखाता है कि स्थिति कितनी खराब हो चुकी है। जिस तरीके से राज्यसभा सभापति ने सदन को चलाया, उसने हमें यह अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर किया। सभी विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
रमेश ने कहा, यह व्यक्तिगत मामला नहीं है। हमने केवल विपक्षी सदस्यों के अपमान के खिलाफ आवाज उठाई है। विपक्षी दलों के सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप), द्रमुक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी के सांसद शामिल हैं। कुल मिलाकर 69 विपक्षी सासंदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
जयराम रमेश ने आगे कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार दोनों सदनों को काम करने नहीं देना चाहती। कल संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा के सभापति के सामने यह बात कही थी कि जब तक आप (विपक्ष) लोकसभा में अदाणी मुद्दा उठाते रहेंगे, हम (सरकार) राज्यसभा को काम नहीं करने देंगे। इस दौरान वहां पर भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा भी मौजूद थे।जयराम रमेश ने आगे कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार दोनों सदनों को काम करने नहीं देना चाहती। कल संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा के सभापति के सामने यह बात कही थी कि जब तक आप (विपक्ष) लोकसभा में अदाणी मुद्दा उठाते रहेंगे, हम (सरकार) राज्यसभा को काम नहीं करने देंगे। इस दौरान वहां पर भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा भी मौजूद थे।