मूसलाधार बारिश, बाढ़ और तूफान के बीच भी हरियाणा के किसानों के साथ धान की फसल सिर उठाकर खड़ी रही। अब, न्यूनतम समर्थन मूल्य (msp) पर धान कर सूबे की सरकार रिकॉर्ड बना रही है। सरकार ने दावा किया है कि खरीदे गये धान का भुगतान भी किया गया है।
हरियाणा की मंडियों में खरीफ विपणन सीजन- 2023 के दौरान धान व बाजरे की खरीद सुचारू रूप से जारी है। अब तक 577.46 लाख क्विंटल बासमती और गैर बासमती किस्म की धान की खरीद की गई है। वहीं 24 अक्टूबर 2023 तक 40.84 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष इस अवधि तक 560.80 लाख क्विंटल धान खरीदी गई थी।
पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अब तक 17 लाख क्विंटल धान ज्यादा खरीदी गई है। इस वर्ष सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,183 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2,203 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। वर्ष 2022-23 में सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2040 रुपये और ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2060 रुपए था।
वर्ष 2022-23 में कुल 945.68 लाख क्विंटल धान खरीदा गया था। हालांकि हरियाणा अभी इस लक्ष्य से 368.22 लाख क्विंटल पीछे है लेकिन उम्मीद है कि आने वाले समय में इस लक्ष्य को पार पाते हुए हरियाणा में धान की रिकार्ड खरीद होगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि धान की खरीद के साथ ही प्रदेश की मंडियों में समय पर इसकी (उठान) लिफ्टिंग भी सुनिश्चित की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार अब तक मंडियों से 516.85 लाख क्विंटल धान की लिफ्टिंग हो चुकी है जबकि 43.46 लाख क्विंटल धान की लिफ्टिंग शेष है। समय पर लिफ्टिंग होने से जहां आढ़तियों और किसानों की परेशानी कम हुई है वहीं खुले में पड़ी फसल के खराब होने का खतरा भी कम हुआ है।
दूसरी ओर वर्ष अब तक 40.84 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। यह, पिछले वर्ष से दोगुना है। वर्ष 2022-23 में बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2350 रुपए निर्धारित किया गया था। वहीं वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इस फसल को प्रदेश सरकार ने भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया है ताकि किसानों को किसी तरह का नुकसान ना हो।