उत्तर प्रदेश में ‘ई-पैडल’ को सिर्फ फसलों का डेटा एकत्र करने के लिए एक सर्वेक्षण के रूप में नहीं, बल्कि किसानों को 6-सूत्रीय लाभ प्रदान करने के साधन के रूप में लागू करने की रूपरेखा तैयार की गई है।एकत्रित डेटा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से बैंक अनुदान तक पहुंचने में सक्षम करेगा, जिससे कृषि गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता सुनिश्चित होगी।
किसानों के लिए ‘ई-पैडल’ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करेगा, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिलेगा। हेल्थ कार्ड योजना, कृषि भूमि की मिट्टी की गुणवत्ता के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह जानकारी किसानों को भूमि की सेहत के आधार पर फसल चयन के संबंध में सूचित निर्णय लेने में सहायता करेगी।
सूबे में सरकार ने सर्वेक्षण के लिए राज्य के 75 जिलों की 350 तहसीलों में लेखपाल के तहत 31002 क्षेत्रों में फैले 35983 ई-जांच समूहों से डेटा एकत्र करने का लक्ष्य रखा है, जबकि इसके कार्यान्वयन की तैयारी शुरू हो गई है। इसे किसानों के लिए हितकारी प्रचारित किया जा रहा है।
प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एग्रीस्टैक योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।आधिकारिक प्रेस नोट में कहा गया है की, इस योजना का उद्देश्य किसानों को उचित लाभ प्रदान करना और देश में फसलों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस स्थापित करना है।सीएम योगी आदित्यनाथ केंद्र की एग्रीस्टैक योजना के तहत फसलों का सर्वेक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह डेटाबेस किसानों के लिए ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ की तरह काम करेगा, जहां उन्हें फसल से संबंधित मुद्दों के समाधान, सरकारी सब्सिडी और उद्धरण प्रबंधन के साथ-साथ बड़े बाजार तक पहुंच जैसी कई सुविधाएं मिल सकेंगी।
एग्रीस्टैक योजना एक सुविधाजनक और व्यापक समाधान के रूप में काम करेगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नज़रिए के अनुरूप, राज्य में व्यापक ‘ई-पैडल’ सर्वेक्षण करने के लिए विस्तृत योजनाएँ विकसित की जा रही हैं।