tag manger - मध्य प्रदेश : बारिश से प्याज में वायरस का असर, लागत तक नहीं निकल रही – KhalihanNews
Breaking News

मध्य प्रदेश : बारिश से प्याज में वायरस का असर, लागत तक नहीं निकल रही

मध्य प्रदेश के खंडवा में प्याज किसानों की हालत बहुत खराब है। यहां किसान प्याज की खेती की लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि बरसात की वजह से प्याज में वायरस का अटैक हो गया है। इससे प्याज ऊपर से ठीक दिखता है, लेकिन अंदर से खराब होता है। इससे प्याज का सही भाव नहीं मिल पा रहा है।

खंडवा जिला एक बड़े प्याज़ उत्पादक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां से बड़ी तादाद में प्याज़ देश के कई हिस्सों में जाता है जिसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है और स्वाद भी। खंडवा में इस बार प्याज़ की फसल अच्छी थी और भाव भी ठीक थे। लेकिन मौसम की अनिश्चितता ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्याज़ के उत्पादन की लागत ही पांच से छह रुपये किलो आ रही है। प्याज़ ख़राब होने से इसके आधे भाव भी नहीं मिल पा रहे हैं।

प्याज की फसल में प्रति एकड़ 70 से 80 हजार रुपये तक का खर्च आता है. लेकिन, वर्तमान में जो दाम मिल रहे हैं, उससे तो आधी लागत भी नहीं निकल पा रही है. दरअसल प्याज़ के सड़ने से यह स्थिति बनी है. अच्छा प्याज़ अब भी बाज़ार में व्यापारियों को छह-सात रुपये किलो मिल रहा है जिसे छांटकर वे ग्राहकों को इसे बारह से पंद्रह रुपये किलो में बेच रहे हैं। इसलिए बाज़ार में आम ग्राहकों को प्याज़ तो उसी दाम पर मिल रहा है। इससे किसानों और ग्राहकों को कोई फायदा नहीं होता है।

किसानों को जहां मौसम की मार झेलनी पड़ी है, वहीं उनकी फसलों के नुकसान में न सरकार मदद में आगे आ रही है, न उन्हें फसल बीमा का कोई लाभ मिल पा रहा है। किसानों में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है कि उनकी बेहतरी के दावे तो खूब होते हैं, बीज बोने से लेकर फसल तक का बीमा करने की बात सरकार करती है। लेकिन जब भी फसल बर्बाद होती है, बीमा कंपनियां कहीं नज़र नहीं आतीं। किसानों ने सरकार से राहत राशि दिए जाने की मांग की है।

About

Check Also

रतन टाटा द्वारा किसानों और कृषि के लिए किए गए कार्य हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने अपने जीवनकाल में यह सुनिश्चित किया कि कृषि केवल एक व्यवसाय न रहे, बल्कि एक समृद्ध और टिकाऊ भविष्य का माध्यम बने। उनके योगदान और दृष्टिकोण ने भारतीय किसानों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि उनके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन भी लाया। उनकी विरासत भारतीय कृषि में नवाचार, सशक्तिकरण, और टिकाऊ विकास के रूप में जीवित रहेगी।

रतन टाटा : किसानों के सच्चे हितैषी और भारतीय कृषि में बदलाव के नायक

भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में से एक रत्न टाटा, भारत में कृषि और ग्रामीण विकास …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *