गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों को पूंजी उपलब्ध कराने के लिए एक फंड का निर्माण किया जा रहा है। इस फंड के जरिए गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों को बेहद कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऋण से किसानों को अपनी जरूरत के हिसाब से उन्नत बीज, खाद एवं कृषि यंत्र खरीदने में आसानी होगी। गन्ना निवेश कोष के बनने से गन्ने की उत्पादकता में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।
गन्ना निवेश कोष एक ऐसा फंड है, जिसमें सहकारी समिति अपना पैसा डालेगी और गन्ना किसानों को ऋण देने में मदद करेगी। सहकारी समिति 5 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का फंड बना सकती है। इस तरह गन्ना किसानों को बेहद कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा। इस कोष से मिलने वाली ऋण की राशि में सबसे ज्यादा छोटे और सीमांत किसानों का ध्यान रखा जायेगा। सबसे ज्यादा लाभ छोटे किसानों को ही दिया जाएगा। इससे न सिर्फ गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा बल्कि गन्ना समितियां भी इससे लाभान्वित होंगी। गौरतलब है कि गन्ना के अधिक उत्पादन से न सिर्फ किसान प्रभावित होते हैं बल्कि भारत के उपभोक्ता, भारत की चीनी मिल, भारत के निर्यातक सभी सकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। गन्ना निवेश कोष के जरिए गन्ना किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, एक अच्छा कदम माना जा रहा है।
उत्तरप्रदेश के गन्ना किसानों को इस निवेश कोष से मिलने वाली ऋण का फायदा हो सकेगा। इस निवेश कोष ऋण का फायदा वही किसान ले सकेंगे जो यूपी की सहकारी समितियों द्वारा पंजीकृत होंगे। इस कोष के तहत छोटे और सीमांत किसानों को ही ऋण मिल सकेगा।
इसकी अभी कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है। लेकिन उम्मीद है कि किसानों को उनके रकबा और जरूरत को देखते हुए 70 हज़ार रुपए से 1.5 लाख रुपए तक का ऋण दिया जा सकता है। हाल ही में नाबार्ड योजना के तहत किसानों को मिलने वाले ऋण के अमाउंट में योगी सरकार ने वृद्धि की है। पहले जहां प्रति किसान 75000 रुपए तक की लिमिट तय थी। अब किसान नाबार्ड योजना के तहत 1 लाख रुपए तक का आसान ऋण ले सकते हैं।
किसानों को ऋण 10.70% के ब्याज पर मिलता है, लेकिन कृषि निवेश कोष से ऋण लेने पर 3.70% की छूट प्रदान की जाती है, इससे किसानों को मात्र 7% ब्याज देना होता है। अगर किसान समय से किश्त का भुगतान करते रहते हैं और तय समय में किश्त पूरा कर लोन चुका देते हैं, तो इसके बदले सरकार द्वारा किसानों को 3% अतिरिक्त ब्याज छूट मिलेगा । इस तरह किसान मात्र 4% के कम ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं और अच्छा खासा मुनाफा तैयार कर सकते हैं। ऋण अदायगी में असफल रहने वाले किसानों को ब्याज दर में मिलने वाले अतिरिक्त छूट का फायदा नहीं मिलेगा।