पूर्वोत्तर राज्यों के कई कृषि उत्पादों की मांग विदेशों में बढ़ रही है।
पूर्वोत्तर राज्यों को इन दिनों प्राकृतिक खेती के स्थान के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सिक्किम को दुनिया के पहले ‘ऑर्गेनिक स्टेट’ का खिताब प्राप्त है। यही वजह है कि दूसरे पूर्वोत्तर राज्य भी सिक्किम की तरह जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं। पिछले 6 सालों में जैविक खेती करने का फायदा भी पूर्वोत्तर के किसानों को मिला है। इन राज्यों से कृषि निर्यात85% तक बढ़ गया है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी करके बताया कि साल 2016-17 तक कृषि उत्पादों का निर्यात 2.52 मिलियन डॉलर था, जो साल 2021-22 में 85% की ग्रोथ के साथ 17.2 मिलियन डॉलर को पार कर गया है।
भारत से कृषि उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्यात करने वाले राज्यों में असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मेघालय शामिल हैं। यहां किसानों ने बांग्लादेश, भूटान, मध्य पूर्व, ब्रिटेन और यूरोप को अपना स्थाई ग्राहक बना लिया है।
पूर्वोत्तर के कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग से लेकर मार्केटिंग तक का काम खुद एपीडा देख रहा है। अपने रिसर्च के आधार पर एपीडा ने यह भी बताया है कि बाकी कृषि उत्पादों की तुलना में पूर्वोत्तर की कीवी को यूरोप मे काफी पसंद किया जा रहा है । इन रुझानों के मद्देनजर अब पूर्वोत्तर के जोहा चावल पुलाव और काले चावल की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने की योजना है।