पंजाब के सहकारिता मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा में कहा कि,राज्य की सहकारी चीनी मिलों को गन्ना किसानों को 313 करोड़ रुपये का भुगतान करना है| सूबे के किसानों का निजी चीनी मिलों पर 257 करोड़ रुपये बकाया है। बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल के दौरान चीमा ने सदन को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि सभी चीनी मिलें गन्ना उत्पादकों को समय पर भुगतान करें।
श्री चीमा ने इस बात पर जोर दिया कि यदि निजी चीनी मिलों द्वारा किसानों को समय पर भुगतान नहीं किया जाता है,तो राज्य सरकार उनकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी। उन्होंने सहकारी चीनी मिलों के जल्दी भुगतान कराने का भरोसा जताया |
चीमा ने राज्य की पिछली सरकारों पर निजी चीनी मिलों की रक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार भी किसानों के पैसे की वसूली के लिए फगवाड़ा में निजी चीनी मिल के मामले में कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है। इस पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के विधानसभा क्षेत्र धुरी में एक निजी चीनी मिल पर भी करोड़ों का बकाया है और किसान लंबा इंतजार करने को मजबूर हैं।
राज्य में लगभग 24 मिले हैं जिनमें इस समय 16 चल रही हैं। इनमें नौ निजी क्षेत्र की व सात सहकारी चीनी मिलें हैं।
कृषि विभाग से मिले आंकड़ों मुताबिक पंजाब में 2019-20 के सीजन दौरान 91000 हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई थी, जिस दौरान 73.02 लाख टन उत्पादन हुआ। 2020-21 के सीजन दौरान गन्ने की खेती में रकबा बढ़ाकर 95100 हेक्टेयर हो गया जबकि गन्ने का उत्पादन भी बढ़कर 79.52 लाख टन हो गया। पंजाब में गन्ने की पैदावार के बारे में बात करते गन्ना माहिर व कृषि विज्ञानी गुरइकबाल सिंह काहलों ने बताया कि दोआबा व माझे में गन्ने की पैदावार अधिक होती है जबकि पंजाब की सारी जमीन गन्ने की खेती के लिए अच्छी है।