पंजाब में अपनी उम्मीद से बहुत बड़ी जीत के बाद ‘आप’ के मुखिया और सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा “मैं अपने छोटे भाई भगवंत सिंह मान को पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए बधाई देता हूं। हम लोगों को इतना बड़ा बहुमत मिला है कि हमें विश्वास नहीं हो रहा है। हमें लोगों के भरोसे को कायम रखना है। हमें सेवा और प्यार की राजनीति करनी है।”
पंजाब के चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली के आंदोलन का भी लाभ मिला है। एक साल तक चले कृषि आंदोलन ने केंद्र सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए विवश किया। कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा तीनों पार्टियों के रुख से ही किसान खुश नहीं थे। ये निराशा आम आदमी पार्टी के लिए आशा की किरण बनी।
इस आंदोलन में पर्दे के पीछे से आम आदमी पार्टी की आंदोलित किसानों के बीच सुविधाएं मुहैया कराने की भूमिका भी है| किसानों ने वोट देते समय इस मुद्दे को भी नजरअंदाज नहीं किया| यही वजह है कि किसान आंदोलन से पंजाब वापस आए किसानों ने अपना वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में दिया|
सूबे में 69 विधानसभा सीटों के साथ मालवा क्षेत्र में सबसे बड़े संघ बीकेयू (उगराहन) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहं का वो बयान जिसमें उन्होंने कहा कि इसने एक सवाल करने वाले मतदाता को जन्म दिया है, जिन्होंने नेताओं से पूछना शुरू कर दिया कि वो आजादी के 70 साल बाद भी वे गलियों और नालों से आगे क्यों नहीं देख पाए। आम जनता को ‘आप’ के पास इन सवालों का जवाब नजर आया और शायद ये एक वजह रही कि पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को एक अवसर दिया।
आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने दिल्ली शासन मॉडल के जरिए पंजाब की जनता को लुभाने में सफल रहे। दिल्ली मॉडल के चार स्तंभों – सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण सरकारी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के कारण ‘आप’ मतदाताओं के साथ जुडने में सफल रही। राज्य में बिजली की ऊंची दरों से जनता परेशान थी, पानी की समस्या के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा की समस्या भी काफी अहम साबित हुई है आम आदमी पार्टी के लिए।
भगवंत मान की मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषणा से पार्टी को बाहरी टैग से छुटकारा पाने में मदद मिला। ये वो टैग था जो अकाली दल और कांग्रेस द्वारा आम आदमी पार्टी को दिया गया था। अपने राजनीतिक और सामाजिक व्यंग्य से कई पंजाबियों के दिल में जगह बनाने वाले लोकप्रिय कॉमेडियन भगवंत मान की छवि पारंपरिक राजनेता के विपरीत है। उनकी इस छवि ने उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई। जब भगवंत मान का जमीन से जुड़ाव ही आम आदमी पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाने में सफल रहा|
आम आदमी पार्टी को उन युवा और महिला मतदाताओं का भी भरपूर समर्थन मिला जिन्होंने एक नई पार्टी और ‘आम आदमी’ को अवसर देने का विकल्प चुना। राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का केजरीवाल ने युवाओं के साथ “व्यवस्था को बदलने” और एक नए शासन को लाने का का वादा किया जो शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देगा। इसी तरह, राज्य में महिलाओं के खातों में प्रति माह 1,000 रुपये की राशि जमा करने के ‘आप’ का वादा भी काम कर रहा। कई लोगों का मानना था कि ऐसे लोकलुभावन वादे आमतौर पर तोड़े जाने के लिए किए जाते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को एक अलग वोट बैंक के रूप में आकर्षित किया और यहाँ पितृसत्तात्मक राग को पीछे छोड़ दिया।