कृषि उपज मंडी में नए धनिए की आवक अब शुरू हो चुकी है। नए धनिया के भाव शुरुआती तौर पर तो कमजोर है, लेकिन धनिए की आवक बढऩे के साथ भावों में भी वृद्धि होने की संभावनाएं बनी हुई हैं। आपको बता दें कि रामगंज मण्डी धनिया कृषि उपज मंडी एशिया की सबसे बड़ी धनिया की मंडी है। यहां धनिए का सीजन शुरू हो चुका है। कुछ दिनों बाद मंडी में धनिए की बंपर आवक शुरू हो जाएगी। आवक के बाद जहां पूरी कृषि उपज मंडी में चारों ओर धनिया ही धनिया दिखाई देगा।
प्रतिदिन मंडी में 40 से 50 हजार बोरी धनिया
सीजन में कृषि उपज मंडी में 40 से 50 हजार बोरी धनिया प्रतिदिन आता है। जिसके चलते कृषि उपज मंडी पूरी तरह भर जाता है। दूसरी ओर धनिया लाने वाले वाहनों की किलोमीटर तक कतार लग जाती है। सीजन में वाहन का मंडी में बिक्री के दो से तीन दिन में नम्बर आता है। ऐसे में शहर में कृषि उपज मंडी की ओर आने वाले सभी मार्गों पर यातायात भी जाम हो जाता है। कृषि उपज मंडी में धनिए का ई-बोली भी होती है।
मिली जानकारी के अनुसार इस बार अतिवृष्टि के कारण धनिए की बुवाई विलंब से हुई और धनिए का रकबा भी कम हुआ। इस बार मात्र 77 हजार 900 हैक्टेयर में ही किसानों ने धनिएकी बुवाई की। किसानों का कहना है कि इस बार फसल में कोई रोग नहीं लगा और प्राकृतिक प्रकोप से भी फसल अछूती रही। अच्छा उत्पादन और गुणवत्ता अच्छी होने से व्यापारियों को दाम भी अच्छे मिलने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि सामान्यतया मंडी में नए धनिए की आवक दिसंबर में प्रारंभ होती है। फरवरी में आवक बढऩे का दौर शुरू होता है। मार्च मे धनिया का भरपूर सीजन माना जाता है। इस बार बुवाई देरी से होने के कारण आवक का दौर देरी से शुरू हो पायी है। अब अप्रेल और मई धनिया का
सीजन रहेगा।
मुख्य रूप से धनिया की पैदावार राजस्थान के कोटा, झालावाड़ और बारां में होती है। इसके बाद दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है। लेकिन अब गुजरात में धनिया की पैदावार होने लगी है।
गत पांच वर्ष में सबसे कम धनिए की आवक वर्ष 2019-20 में हुई। इस साल में मार्च 2019 से जनवरी 2020 के बीच मात्र 4 लाख 66 हजार 923 क्विंटल धनिया की आवक हुई। जबकि सबसे ज्यादा धनिया वर्ष 2017-18 में आया था।