भारत और फ्रांस के बीच सहयोग से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने एशिया प्रशांत आयोग (एपीएसी) 2024 फोरम में कहा कि दोनों देश कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में टिकाऊ प्रथाओं का उपयोग कर वैश्विक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि टिकाऊ कृषि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने का एक प्रभावी समाधान है।
श्री गोयल ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी का उद्देश्य टिकाऊ कृषि प्रथाओं को अपनाकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का विस्तार करना है। यह न केवल उत्पादन को बढ़ावा देगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन के खतरों को भी कम करेगा।
श्री गोयल ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की सफलता को उजागर करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 100 से अधिक देश आईएसए का हिस्सा हैं, जिसे भारत और फ्रांस ने संयुक्त रूप से शुरू किया था। इसका उद्देश्य उभरते और विकासशील देशों तक स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना है।
मंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग कर सकते हैं। इसमें साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ई-कॉमर्स और स्टार्टअप को बढ़ावा देना शामिल है।
श्री गोयल ने कहा कि भारत और फ्रांस के पास ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में सह-नवाचार करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश टिकाऊ गतिशीलता क्रांति लाकर ग्रामीण और शहरी परिवहन को नया आयाम दे सकते हैं।
भारत-फ्रांस व्यापार संबंधों पर बोलते हुए श्री गोयल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन डॉलर तक पहुंचा। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं की क्षमताओं को देखते हुए यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। भारत और फ्रांस के बीच यह साझेदारी न केवल कृषि और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि तकनीकी और औद्योगिक सहयोग के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी।