उत्तर प्रदेश के बागवानों को आम के और अच्छे दाम मिलेंगे। केंद्र सरकार जिन 20 फलों और सब्जियों के समुद्री मार्ग से निर्यात के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर रही है, उसमें आम भी शामिल है। ऐसे में आम के निर्यात की जो भी संभावना निकलेगी, स्वाभाविक है कि उसका सबसे अधिक लाभ आम का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले उत्तर प्रदेश के बागवानों को ही मिलेगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि योगी सरकार प्रदेश में निर्यातकों की सुविधा के लिए पहले से ही वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाएं तैयार कर रही है।
इसके अलावा योगी सरकार
रायबरेली में उद्यान महाविद्यालय भी खोलने जा रही है। इस बाबत जमीन चिन्हित की जा चुकी है। यह जमीन रायबरेली के हरचरनपुर के पडेरा गांव में है। कृषि विभाग इसे उद्यान विभाग को ट्रांसफर भी कर चुका है। पहले चरण के काम के लिए पैसा भी रिलीज किया जा चुका है। इसमें डिग्री कोर्स के साथ अल्पकालीन प्रशिक्षण के कोर्स भी चलेंगे। खास बात यह है कि प्रदेश में होने वाले आम,आंवला और अमरूद की पट्टी से यह महाविद्यालय करीब होगा। इससे यहां पर होने वाले शोध का लाभ संबंधित बागवानों को मिलेगा। बाग लगाने वाले और सब्जी उगाने वाले किसानों को गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा हर जिले और सभी कृषि विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबंध कृषि विज्ञान केंद्रों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही दे चुके हैं।
सरकार की योजना हर जिले में हॉर्टिकल्चर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की है। उल्लेखनीय है कि बागवानी में बेहतर फलत और फल की अच्छी गुणवत्ता के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका गुणवत्तापूर्ण प्लांटिंग मैटिरियल (पौध एवं बीज) की है। इसके लिए सरकार तय समयावधि में हर जिले में एक्सीलेंस सेंटर, मिनी एक्सीलेंस सेंटर या हाईटेक नर्सरी की स्थापना करेगी। इस बाबत काम भी जारी है। 2027 तक इस तरह की बुनियादी संरचना हर जिले में होगी। ऐसी सरकार की मंशा है।