उत्तर प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों के गन्ना किसानों के लिए खुशख़बरी है। मुख्यमंत्री द्वारा गन्ना किसानो को तत्काल गन्ना मूल्य भुगतान कराये जाने हेतु दिये गये निर्देशों के क्रम में उ.प्र. शासन द्वारा किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी है। ऋण के रूप में मिली यह धनराशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि पेराई सत्र 2021-22 के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अर्न्तगत प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष यह ऋण स्वीकृत किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में किसानों का हित सर्वापरि है।
इस संबंध मे अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने हेतु सरकार संकल्पबद्ध है और सहकारी चीनी मिलों की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान के लिए सहकारी मिलों को 500 करोड़ की वित्तीय सहायता ऋण के रूप में प्रदान की गई है। यह धनराशि सहकारी मिलों को आवंटित कर सीधे गन्ना किसानों के खातों में टांंसफर की जाएगी। चतुर्थ शनिवार एवं रविवार के अवकाश के कारण सोमवार मध्य रात्रि से मंगलवार की मध्यरात्रि तक यह धनराशि गन्ना किसानों के खातों में क्रेडिट कर दी जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के स्तर से चीनी मिलों द्वारा किसानों को किये जा रहे गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की सतत् समीक्षा की जा रही है। अब तक कुल रू.1,75,835.28 करोड का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को किया जा चुका है।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में गन्ना बकाया भुगतान को लेकर कई किसान संगठन आक्रामक हुए है। कई संगठनों ने तो बकाया भुगतान में देरी पर ब्याज देने की मांग की है। किसान सभा ने गन्ना मूल्य भुगतान में देरी करने पर किसानों को ब्याज समेत बकाया चुकाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश किसान सभा के पदाधिकारियों ने मवाना तहसीलदार आकांक्षा जोशी को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन दिया।किसान सभा ने कहा कि, चीनी मिले पिछले आठ-नौ सालों से किसानों का गन्ना भुगतान करने में देरी कर रही है।
जितेन्द्र पाल सिंह, जिला अध्यक्ष संग्राम सिंह, राजपाल शर्मा, जगदीश कोहला, कमल सिंह, बिल्लू रामपुर, कुलदीप चौधरी ने आगामी पेराई सत्र में 680 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग की है।