फसल विविधीकरण योजना के तहत, राज्य सरकार ने दक्षिण हरियाणा के सात जिलों में बाजरा के स्थान पर दलहन और तिलहन फसलों को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। जिन जिलों में ये फैसला प्रभावी होगा उनमें भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, हिसार और नूंह शामिल हैं। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यहां कहा गया कि इस योजना के तहत राज्य भर में कम से कम 1 लाख एकड़ भूमि पर दलहन और तिलहन फसल उगाने का लक्ष्य रखा है।
बयान में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा के हवाले से बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने दलहन और तिलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत दलहन में मूंग, अरहर और उड़द शामिल हैं और अरंडी, मूंगफली और तिल सहित तिलहन की फसलों की खेती भी की जा सकती है।
योजना के तहत किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए किसानों को पहले “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा और सत्यापन के बाद राशि किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों की नई किस्मों और आधुनिक तकनीक की जानकारी दी जा रही है। बयान में कहा गया है कि दालें उगाने से मिट्टी की सेहत में सुधार होगा और उर्वरता बढ़ेगी।