इन दिनों राज्य में 90 लाख लीटर प्रति दिन दूध उत्पादन मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर 150 लाख लीटर प्रति दिन तक ले जाने की योजना है| इसके लिए योगी-सरकार ने 100 दिवसीय कृत्रिम गर्भाधान अभियान चलाने की योजना बनाई है, जो 15 नवंबर 2022 से लेकर 25 फरवरी 2023 तक चलेगा|
यह अभियान बाराबंकी से शुरू होकर राज्य के 75 जिलों को पूरा करेगा| इस अभियान के तहत 100 दिन के अंदर दुधारू पशुओं (गाय-भैंस) के 75 लाख कृत्रिम गर्भाधान पर काम किया जाएगा|
उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन और मवेशियों की आबादी बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जाएगा, जो ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ का हिस्सा है| दिसंबर 2014 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य सिर्फ दूध उत्पादन और देसी मवेशियों की आबादी बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कृत्रिम गर्भाधान के जरिए देसी पशुओं का संरक्षण और संवर्धन करना भी इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है|
उत्तर प्रदेश को भारत का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य कहते हैं, जहां से कुल दूध उत्पादन का 16% हिस्सा प्राप्त होता है, हालांकि प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता अभी भी कम है| यहां राष्ट्रीय औसत दूध उपलब्धता 400 ग्राम के मुकाबले 384 ग्राम की उपलब्धता है| इस अभियान को लेकर पशुधन विकास बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि यूपी सरकार के इस अभियान से दूध उत्पादन में तेजी आएगी | इस परियोजना के तहत पशुपालकों के दरवाजे पर ही नि:शुल्क सेवा प्रदान करने का प्रावधान है|
गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। साल 2018-19 में भारत में 188 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया था, जबकि 2019-20 में 198 टन दूध का उत्पादन हुआ। हालांकि, कोरोना काल का असर डेयरी सेक्टर पर भी पड़ा, जिसके चलते वित्तीय वर्ष 2020-21 में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि 2020-21 के लिए यह आंकड़ा 208 मिलियन टन तय किया गया था। गौरतलब है कि देश में जितनी तेजी से डेयरी उत्पादों की खपत में इजाफा हुआ, उतनी ही तेजी से दूध की गुणवत्ता को लेकर चिंता बढ़ रही है।