भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है| देश में गेहूं की कीमतों में अचानक वृद्धि को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है| सरकार ने शनिवार को इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया| केंद्र सरकार ने कहा है कि देश की ओवरऑल फूड सिक्योरिटी और पड़ोसी एवं कमजोर देशों को सपोर्ट करने के लिए ये कदम उठाया गया है|
अप्रैल में गेहूं और आटे की खुदरा महंगाई दर बढ़कर 9.59 फीसदी पर पहुंच गई| मार्च में यह 7.77 फीसदी पर रही थी| भारत में अप्रैल में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई जो मार्च में 6.95 फीसदी पर रही थी| ऐसे में सरकार का ये फैसला काफी अहम है क्योंकि इससे घरेलू स्तर पर गेहूं की महंगाई को काबू में करने में मदद मिलेगी|
इस साल गेहूं का उत्पादन 9.5 करोड़ टन हुआ| यह सरकार के 10.5 टन के अनुमान से कम रहा| इससे स्थानीय स्तर पर सप्लाई पर असर पड़ा है और इससे कीमतों में इजाफा देखने को मिला है| कांडला पोर्ट पर गेहूं की कीमत 2,550 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है| इसमें हाल में काफी अधिक इजाफा देखने को मिला है क्योंकि सरकार द्वारा एक्सपोर्ट पर बैन के अनुमान को देखते हुए एक्सपोर्ट्स तेजी से निर्यात में लगे हुए थे|
देश में गेहूं और आटा के दाम में पिछले कुछ दिनों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है| इसकी वजह ये है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर जिंसो की कीमतों में 40% तक के इजाफे के बाद भारत ने गेहूँ का एक्सपोर्ट बढ़ा दिया था|
पांच सालों तक रिकॉर्ड उत्पादन के बाद इस साल भारत में गेहूं उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया गया है. जून में समाप्त हो रहे क्रॉप ईयर के लिए सरकार ने पहले 111.32 मिट्रीक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया था. अब इसे 5.7 फीसदी घटाकर 105 मिलियन टन कर दिया है| इसके अलावा गेहूं की सरकारी खरीद के लक्ष्य को भी आधा किया जा सकता है| नॉर्थ और वेस्ट इंडिया में गर्मी और लू के कारण गेहूं फसल को भारी नुकसान पहुंचा है|