सूबे के कई पिछड़े इलाकों में कड़कनाथ मुर्गा दूसरे मुर्गों से अलग होता है। मध्य प्रदेश के झाबुआ में कड़कनाथ मुर्गी को जीआई टैग यानि विशेष पहचान मिली हुई है। कड़कनाथ की उत्पत्ति झाबुआ के कठीवाड़ा और अलीराजपुर से हुई है। अन्य मुर्गों की तुलना में कड़कनाथ में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। देश में करीब 30 लाख किसान मुर्गी पालन से जुड़े हैं। ओड़िशा में अब कड़कनाथ किसानों का साथी बना है।
ओडिशा के कंधमाल में फूलबनी, खजुरीपाड़ा और फिरिंगिया ब्लॉक के 12 गाँवों में कोंध आदिवासी समुदाय के लोग अब कड़कनाथ मुर्गे के भरोसे हैं। यही उनके परिवार का मुखिया बना हुआ है, जो सभी सदस्यों का खर्चा उठा रहा है।
आदिवासी बहुल इलाकों कंधमाल में फूलबनी, खजुरीपाड़ा और फिरिंगिया ब्लॉक के 12 गाँवों में कोंध आदिवासी समुदाय के 45 सदस्य कड़कनाथ मुर्गे का पालन कर रहे हैं। बल्लीगुडा ब्लॉक के सिरुबली गाँव की दूसरी 25 महिलाएँ भी आदिवासी समुदायों की आय बढ़ाने के लिए इस45 परियोजना का हिस्सा हैं।
एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए), बल्लीगुडा की एक पायलट परियोजना के तहत एक गैर-लाभकारी ‘प्रदान’ (व्यावसायिक सहायता के लिए विकास कार्य) की तरफ से प्रशिक्षित आदिवासी महिलाओं ने कुक्कुट पालन शुरू कर दिया है। उन्हें मुफ्त में कड़कनाथ के चूजे (स्वास्थ्यवर्धक और ब्रॉयलर से बेहतर माने जाते हैं) दिए गए थे, और ये महिलाएँ इसे एक फलता-फूलता व्यवसाय बनाने के लिए सभी पड़ावों को पार कर रही हैं। इन महिलाओं की लगन, प्रयास और रुचि के अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं।
ओडिशा के सीमांत व आदिवासी व जनजाति के परिवारों को मिशन जीविका से जोड़ा गया है।पशु संसाधन विकास, और मिशन शक्ति विभाग के ओड़िशा आजीविका मिशन से एक प्राणी मित्र की मदद मिल रही है। 2019 में लॉन्च किया गया मिशन जीविका एक आजीविका कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य कृषि और गैर-कृषि परियोजनाओं के माध्यम से आदिवासियों की कमाई को बढ़ाना है। मिशन जीविका के तहत कड़कनाथ पोल्ट्री प्रोजेक्ट 2022-23 में शुरू किया गया था।
कंधमाल जिले में फूलबनी और बल्लीगुडा ब्लॉक में एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने कड़कनाथ मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। परियोजना को औपचारिक रूप से 3 अगस्त, 2022 को लॉन्च किया गया था। अब सभी परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं। जिले के फूलबनी और बल्लीगुडा ब्लॉक में एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने कड़कनाथ मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। परियोजना को औपचारिक रूप से 3 अगस्त, 2022 को लॉन्च किया गया था।