राज्य में सेब और अन्य फलदार पौधों को अवैध और बिना दस्तावेज लाए जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अब अवैध तरीके से लाए जा रहे फलदार पौधों को आने से रोकने के लिए बैरियर पर चैकिंग की जाएगी।
बागवानी विभाग को संदेह है कि आडू और चेरी के पौधे में जो फाइटोप्लाजमा जैसी बीमारी लगी है, वह बाहर से लाए गए पौधों के कारण फैल रही है। विभाग को डर है कि कहीं और अन्य बीमारियां सेब और अन्य फलदार पौधों के साथ न आ जाए, जिससे बागवानी पर संकट पैदा हो जाए। इससे बचने के लिए अवैध पौधों पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है।
बागवानी विभाग ने सभी संबंधित क्षेत्राधिकारियों को प्रदेश के बाहर से अवैध और बिना दस्तावेज़ के लाए जा रहे पौधों की चैकिंग के निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने सभी क्षेत्राधिकारियों को अवैध तरीके से लाई जा रही पौधों की खेप को रोकने और अवैध रूप से फल पौधे बेचने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा गया है।
विभाग के ध्यान में आया है कि कुछ नर्सरी उत्पादकों ने अपनी फल पौध नर्सरी विभाग के पास पंजीकृत नहीं करवाई है। विभाग के वरिष्ठ पौध संरक्षण अधिकारी डॉक्टर केके सिन्हा ने बागवानी को सलाह देते हुए कहा है कि गैर पंजीकृत पौधशाला और सड़क किनारे बैठे लोगों से पौधों को न खरीदें, क्योंकि इनकी गुणवत्ता का कोई आधार नहीं।
प्रदेश में इन दिनों विंटर सीजन में लगने वाले पौधों की रोपाई का काम शुरू हो गया है। इसे ध्यान में रखते हुए बागवान भारी संख्या में सेब और फलदार पौधों की खरीद कर रहे हैं। बागवानों को ठगी और धोखाधड़ी से बचाने के लिए विभाग ने अवैध तरीके और बिना दस्तावेज के बाहर से लाए जा रहे हैं पौधों के आयात पर रोक लगा दी है।