लुधियाना। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा. जसबीर सिंह गिल की ओर से विकसित की गई गन्ने की बिजाई की नई तकनीक को पेटेंट की मंजूरी मिल गई है। इस बार में जानकारी देते हुए फसल विज्ञान विभाग के प्रमुख डा. मक्खन सिंह भूल्लर ने कहा कि डा. जसबीर सिंह गिल ने गन्ने के बरोटों की आंखे निकाल कर बिजाई के लिए तैयार करने वाली मशीन तैयार की है।
इस तकनीक के साथ गन्ने को निकालकर बिजाई के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इस तकनीक के पेटेंट के लिए सान 2014 में यूनिवर्सिटी ने अप्लाई किया था, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। पीएयू के वाइस चांसलर डा. सर्बजीत सिंह व निर्देशक प्रसार शिक्षा डा. अशोक कुमार ने डा. जसबीर सिंह को बधाई दी। गाैरतलब है कि इससे पहले भी पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने अनेक शाेध किए हैं।
यह टेक्नोलाजी गन्ने की सीधी बिजाई व गन्ने की नर्सरी के लिए प्रयोग में लाई जाती है। इससे गन्ने का प्रति एकड़ बीज 98 प्रतिशत तक कम लगता है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से फायदा होगा। इससे किसानों का खर्च और समय दोनों बचेंगे।
गाैरतलब है कि 2 साल पहले पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ फूड व न्यूट्रीशियन की एसोसिएट प्रोफेसर डा. सोनिका शर्मा व एडिशनल डायरेक्टर रिसर्च डा. अजमेर सिंह ढट ने तीन साल के शोध के बाद कद्दू की किस्म ‘पंजाब सम्राट’ के बीज से आटा तैयार किया है।