बिहार सरकार राज्य के अंदर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़े जोर-शोर से लगी हुई है| इसी कड़ी में बिहार सरकार ने जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत जैविक कॉरिडोर योजना शुरू की है, जो राज्य के अंदर जैविक खेती करने वाले किसानों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराती है| इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश के अंदर जैविक उत्पादन करने वाले किसानों को राज्य सरकार प्रति एकड़ 11500 रुपये तक का अनुदान देती है|
जैविक खेती करने वाला प्रत्येक किसान ढाई एकड़ तक की खेती के लिए अनुदान प्राप्त कर सकता है| मतलब राज्य का प्रत्येक किसान जैविक खेती करने पर 28750 रुपये तक अनुदान प्राप्त कर सकता है|
जल-जीवन हरियाली मिशन योजना के तहत जैविक खेती करने पर प्रत्येक किसान को अनुदान नहीं दिया जाएगा| बिहार के कृषि व किसान कल्याण विभाग के अनुसार जैविक खेती करने वाले राज्य के उन्हीं किसानों को इस योजना के तहत अनुदान देय होगा, जो कृषक उत्पादक समूह और कलस्टर में शामिल हो| असल में विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का क्रियान्वयन कृषक उत्पादक समूह और कलस्टर के तहत किया जा रहा है|
बिहार के कृषि व किसान कल्याण विभाग ने जल-जीवन हरियाली मिशन के तहत जैविक कॉरिडोर योजना शुरू की हुई है| जिसमें तृतीय कृषि रोडमैप के तहत जैविक खेती की परिकल्पना की गई है| इसमें प्रदेश के अंदर जैविक खेती को बढ़ावा देने, जैविक खेती कर रहे किसानों की मदद करने, जैविक उत्पादों को बाजार उपल्बध कराने के लिए जुलाई 2021 में बिहार राज्य जैविक मिशन का गठन किया था| वहीं जैविक कॉरिडोर योजना 2019 से प्रदेश के 13 जिलों में लागू हैं, जिसमें पटना, वैशाली, नालांदा, बक्सर, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, समस्तीपुर शामिल है| वहीं विभाग का कहना है कि अन्य जिलों में भी योजना का जल्द विस्तार किया जाएगा|
भागलपुर जिले में दो हजार एकड़ में जैविक खेती हो रही है। जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद के लिए किसानों को प्रति एकड़ 11 हजार पांच सौ रुपये की दर से अग्रिम अनुदान राशि उनके खाते में दी गई है। किसानों को सामग्री खरीद कराने की जिम्मेदारी किसान सलाहकार को दी गई है। विभाग द्वारा चिन्हित कंपनी से किसानों को जैविक खेती करने के लिए सामग्री की खरीद करना है। जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद नहीं करने वाले किसानों पर प्राथमिकी होगी। राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के खाते में सीधे अनुदान उपलब्ध करा रही है। लेकिन कई ऐसे किसान हैं, जो अनुदान लेकर सामान की खरीद नहीं कर रहे हैं। अनुदान के लिए सरकार ने दो करोड़ 30 लाख रुपये विभाग को उपलब्ध कराया है।