इस साल मानसून के साथ आफत बरसी । खेती-बागवानी की बर्बादी से किसानों को नुक़सान पहुंचा। रोजमर्रा की चीजें महंगी हो गई। गेहूं, चावल, दालें, सब्जी बेभाव हो गये। पहले लहसुन,अदरक, फिर टमाटर आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया। अब प्याज ने भी टमाटर की राह पकड़ ली है। खरीदार ही नहीं मोदी- सरकार भी चिंता में हैं। आइंदा चुनावों को देखते हुए सरकार महंगाई पर काबू पाने की हर संभव कोशिश कर रही है।
देश में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर 31 दिसंबर तक 40% ड्यूटी लगा दी है। अभी तक इसके एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार इस कदम से देश में प्याज की अवेलेबिलिटी को बनाए रखना चाहती है और इससे कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी।
सब्जी मंडी में टमाटर की खुदरा कीमत तरह से अब प्याज के दाम आसमान छूने की तरफ हैं। हालांकि प्याज के किसानों को इन बढ़ रही कीमतों से कोई फायदा नहीं हो रहा है। बिचौलियों और थोक कारोबारी ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।
प्याज की फसल को बेहिसाब बारिश और फसल में लगे वायरस ने भी नुकसान पहुंचाया है। आंकड़ों के अनुसार, प्याज की ऑल इंडिया ऐवरेज रिटेल प्राइस शनिवार को 30.72 रुपए प्रति किली थी। अधिकतम कीमत मिजोरम के चंफई में है जहां 63 रुपए प्रति किलो में प्याज बिक रहा है। न्यूनतम कीमत मध्य प्रदेश के नीमच और बुरहानपुर में है जहां प्याज 10 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है।
बाज़ार पर निगाह रखने वाली संस्थाक्रिसिल के आंकड़ों के अनुसार, प्याज की ऑल इंडिया ऐवरेज रिटेल प्राइस शनिवार को 30.72 रुपए प्रति किली थी। अधिकतम कीमत मिजोरम के चंफई में है जहां 63 रुपए प्रति किलो में प्याज बिक रहा है। न्यूनतम कीमत मध्य प्रदेश के नीमच और बुरहानपुर में है जहां प्याज 10 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है।