हरियाणा में खंड स्तर पर स्थापित मिट्टी जांच की 40 नई लैब शुरु| प्रथम चरण में इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से इस वर्ष 25 लाख एकड़ भूमि की मिट्टी जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीनियर सेकेंडरी स्कूलों एवं कालेजों के विद्यार्थियों की मृदा जांच के कार्य में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बनाएं ताकि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकें। इस कार्य में लगे विद्यार्थियों को प्रति नमूना 40 रुपये का मानदेय दिया जाएगा।
करनाल में 82 लाख से छह प्रयोगशालाओं को तैयार किया गया है। करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि सरकार की हर खेत-स्वस्थ खेत योजना के तहत लगभग तीन सालों में 75 लाख मिट्टी के नमूने की जांच कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य जांच कार्ड वितरित किए जाने का लक्ष्य है।
स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले विज्ञान के विद्यार्थियों को मिट्टी के नमूने इकट्ठा करने तथा जांच करने के कार्य से जोड़ने से शुरुआत से ही विज्ञान के विद्यार्थियों में जिज्ञासा पैदा होगी और वे अधिक से अधिक खेतों की मिट्टी जांच करने के कार्य में सहयोग दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्कूल व कॉलेज की लैब में भी मिट्टी जांच आरंभ कराने का आह्वान किया है। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि निसिंग में राज्य स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बनी है। इस पर 54 लाख रुपये व्यय किए गए हैं। नीलोखेड़ी की स्थानीय मिनी लैबोरेट्री पर दो लाख रुपये व कुंजपुरा, तरावड़ी, निगदू, जुंडला में प्रत्येक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला पर साढ़े छह लाख रुपये खर्च किए गए हैं।