इस साल अनुकूल मौसम के कारण रबी फसल की उपज अच्छी हुई है। लेकिन देश के कई हिस्सों में गेहूं की बंपर उपज के बाद भी किसान बीते कुछ दिनों से परेशान थे। वजह थी कि वो सरकार द्वारा निर्धारित तय समयसीमा तक वो अपनी फसल नहीं बेच सके थे। गेहूं खरीद के लिए पहले से तय समयसीमा के अनुसार आज गेहूं खरीद की अंतिम तिथि थी। लेकिन अब सरकार ने पत्र जारी कर इस बात की घोषणा की कि गेहूं खरीद की सरकारी तिथि बढ़ाई जाती है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने उक्त आदेश से संबंधित सरकारी पत्र को ट्वीट करते हुए बताया कि अब गेहूं की सरकारी खरीद 31 मई तक की जाएगी।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के सचिव के यहां से जारी हुए इस पत्र को बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों की सरकार के पास भेज दिया गया है। ऐसे में इन राज्यों के करोड़ों किसानों को गेहूं बेचने के लिए अब 15 दिन का वक्त और मिल गया है।
उल्लेखनीय हो कि केंद्र सरकार के इस आदेश से पहले ही मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्यों में गेहूं खरीद की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। इस कीमत पर अब देश के करोड़ों किसान 31 मई तक गेहूं की बिक्री कर सकेंगे। हालांकि कई राज्यों में जानकारी और जागरूकता के अभाव में अभी भी किसान सरकार के बदले बिचौलिए को गेहूं बेच रहे हैं।
बताते चले कि बीते दिनों देश में गेहूं की बढ़ती कीमत को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी। गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। एक नोटिफिकेशन में सरकार ने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। साथ ही पड़ोसी देशों और गरीब देशों को सपोर्ट करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी था। उल्लेखनीय हो कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते विश्व भर में गेहूं की कीमत में इजाफा हुआ था।