तेलंगाना में यूपी से काफी मात्रा में आलू का आयात किया जाता था लेकिन अब वहां की सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। तेलंगाना में खासतौर पर संगारेड्डी जिले के जहीराबाद इलाके में में फिलहाल 3500 से 4 हजार एकड़ में आलू की खेती की जा रही है। प्रदेश में फसल वैविध्य को ध्यान में रखते हुए तेलंगाना सरकार आलू के उत्पादन पर जोर देने लगी है।
कृषि मंत्री ने बताया कि तेलंगाना में एक लाख एकड़ या इससे ज्यादा की भूमि पर आलू की खेती किए जाने की गुजाइश है। उन्होंने कहा कि इसमें थोड़ा समय लगेगा लेकिन हम इस मकसद पर काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश से लगभग 100 ट्रक आलू रोज तेलंगाना जाता था। इसके अलावा केवल आगरा के आसपास से महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु को 700 से 800 ट्रक जाते हैं।
तेलंगाना के कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया है। उनका कहना है कि पिछले साल जो उत्तर प्रदेश से आलू मंगाए गए थे वे अब तक कोल्ड स्टोर में हैं। जब रिथू बाजार सब्जी बाजार से ताजा आलू मिल जाते हैं तो पुराने आलू का इस्तेमाल क्यों किया जाए?
उत्तर प्रदेश में किसान मध्य अक्टूबर से नवंबर की शुरुआत तक फसल बोते हैं| आलू की खेत से निकासी 20 फरवरी से 10 मार्च के बीच की जाती है| निकासी के बाद उपज का केवल एक तिहाई ही बेचा जाता है। बाकी फसल को शीतघरो में भंडारित कर दिया जाता है। किसानों के नये आलू की बिक्री नवंबर महीने तक चौंका देने वाली होती है।