बिहार देश का पहला राज्य होगा जहां गन्ने से बनने वाली गुड़ उत्पादन को उद्योग का दर्जा मिल सकता है। बताया जा रहा है कि इसकी तैयारी नीतीश सरकार कर रही है। इसके तहत जो भी गन्ना उत्पादक या गन्ने से जुड़े व्यवसायी इस उद्योग को शुरू करना चाहेंगे उन्हें सरकार पचास प्रतिशत अनुदान भी देगी। साथ ही जो गुड़ का उत्पादन होगा उसका बाजार भी सरकार ही तैयार करने में मदद करेगी। साथ ही राज्य सरकार गुड़ को बिहार के तमाम बड़े मॉल के साथ-साथ बड़े शॉपिंग सेंटर में भी नए कलेवर में लाने की कोशिश करेगी।
गौरतलब है कि बिहार के कई जिलों में, ख़ासकर उत्तर बिहार के चंपारण गोपालगंज, सिवान , सारण सहित कई और जिलों में बड़े पैमाने पर गन्ना का उत्पादन होता है। गन्ने से गुड़ का उत्पादन भी किसान करते हैं। सभी जगह चीनी मिल न होने से गन्ना उत्पादक अपनी उपज को गुड़ इकाईयों में खपा सकेंगे।
गन्ना उत्पादक या गन्ने से जुड़े व्यवसायी इस उद्योग को शुरू करना चाहेंगे उन्हें सरकार पचास प्रतिशत अनुदान भी देगी। साथ ही जो गुड़ का उत्पादन होगा उसका बाजार भी सरकार ही तैयार करने में मदद करेगी। साथ ही राज्य सरकार गुड़ को बिहार के तमाम बड़े मॉल के साथ-साथ बड़े शॉपिंग सेंटर में भी नए कलेवर में लाने की कोशिश करेगी।
मिली जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 से सरकार द्वारा गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत कुल 81 गुड़ उत्पादक यूनिट स्थापित की जानी है। सरकार इन यूनिटों को अनुदान देगी। आपको बता दे कि, स्थापित की जाने वाली 70 प्रतिशत यूनिट गैर चीनी मिल क्षेत्र में स्थापित की जानी है। 30 प्रतिशत यूनिट ही चीनी मिल क्षेत्र में स्थापित की जायेंगी।
इस कार्यक्रम के तहत किसान/निवेशक/एलएलपी(लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप)कंपनी/सहकारी सोसायटी के माध्यम से नयी गुड़ उत्पादन इकाइयों की स्थापना की जा सकती है। इसमें पूंजीगत 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाना है। यह अनुदान लघु यूनिट के लिए अधिकतम छह लाख , मध्यम यूनिट के लिए 15 लाख और वृहद यूनिट के लिए यह अधिकतम अनुदान 45 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इससे बड़ी यूनिट का अनुदान 20 प्रतिशत और या अधिकतम एक करोड़ निर्धारित किया गया है।