केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की जैविक सहकारी समिति को मंजूरी दी है| इसके तहत जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण, भारत और विदेश में मांग और खपत की क्षमता को बढ़ाना, ब्रांडिंग से लेकर बाकी सारे काम शामिल हैं, जिनसे किसानों की आय को बढ़ाया जा सके|
अब इस नेशनल ऑर्गेनिक कोऑपरेटिव लिमिटेड (NOCL) को 5 संस्थाएं मिलकर प्रमोट करेंगी| इन संस्थाओं में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ( GCMMF- Amul), नैफेड(NAFED), एनसीसीएफ, एनडीडीबी और एनसीडीसी भी शामिल है|
विदेशी बाजारों में भी भारतीय जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है
लेकिन आज भी कुछ किसान जैविक उत्पादों को बेचकर सही मुनाफा नहीं ले पा रहे है| यही वजह है कि किसानों को सहकारी समितियों से जोड़ा जा रहा है| सरकार का मानना है कि सहकारिता के जरिए किसानों तक सीधा लाभ पहुंचाया जा सकता है| ये सहाकारी समितियां किसानों को अतिरिक्त आय लेने में मदद करती हैं|
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की जैविक सहकारी समिति को मंजूरी दी है| इसके तहत जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण, भारत और विदेश में मांग और खपत की क्षमता को बढ़ाना, ब्रांडिंग से लेकर बाकी सारे काम शामिल हैं, जिनसे किसानों की आय को बढ़ाया जा सके|
अब इस नेशनल ऑर्गेनिक कोऑपरेटिव लिमिटेड (NOCL) को 5 संस्थाएं मिलकर आगे बढाने में मुख्य भूमिका निभाते हूए विस्तार देंगी| इन संस्थाओं में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ( GCMMF- Amul), नैफेड(NAFED), एनसीसीएफ, एनडीडीबी और एनसीडीसी भी शामिल है|
नेशनल ऑर्गेनिक कोऑपरेटिव लिमिटेड अपनी सहकारी समितियों के सहयोग के साथ ऑर्गेनिक कोऑपरेसिव उन जैविक उत्पादों की चेन का मैनजमेंट करेगा, जिनका उत्पादन सहकारी समिति और संबंधित संस्थाओं के तहत हुआ है|
केंद्र सरकार की प्रस्तावित जैविक सहकारी समिति एक संतुलन स्थापित करेगी, ताकि किसानों को पूरी आजादी मिल सके| भारत के 27 लाख हेक्टेयर पर जैविक खेती की जा रही है और इसी के साथ भारत पूरी दुनिया में चौथे पायदान पर है| सर्टिफाइड ऑर्गेनिक सेक्टर का सालाना टर्नओवर 27,000 करोड़ रुपये है, जिसमें 7,000 करोड़ का एक्सपोर्ट भी शामिल किया गया है|