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ओडिशा : आदिवासी समुदायों की बाजरा खाद्य संस्कृतियों को उजागर और प्रदर्शित करेगा

दुनिया भर में वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट- ईयर के रूप में मनाया जा रहा है। ओडिशा में इस वर्ष को खास आयोजन के साथ मनाया जाना तय किया गया है। ओडिशा में 10 और 11 नवंबर को बाजरा पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाने की तैयारी चल रही है।

सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि अगले दशक में मोटे अनाज को लेकर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय रोड मैप तैयार करने में ओडिशा को सबका नेतृव करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ओडिशा को अन्य राज्यों और देशों के लिए उत्कृष्टता का केंद्र बनने का लक्ष्य रखना चाहिए, ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके और मोटे अनाज को लेकर ओडिशा अपनी भूमिका निभा सके।

गौरतलब है देश का मात्र ओडिशा ही एकमात्र ऐसा राज्य है जो इस साल बाजार पर इस तरह से इतने बड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाने की तैयारी कर रहा है। क्योंकि इस साल अंतराष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 मनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन ओडिशा में आदिवासी समुदायों की बाजरा खाद्य संस्कृतियों को उजागर करेगा और प्रदर्शित करेगा। साथ ही इस इस कार्यक्रम के जरिए ओडिशा के किसानों और मिशन शक्ति समूहों की सफलता की कहानियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस लेकर विभिन्न विभाग के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने बैठक की थी और विचार विमर्श किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से ही बाजरा आदिवासी किसानों के लिए एक पारंपरिक फसल रही है। जबकि मोटे अनाज की खेती पर जलवायु परिवर्तन का अधिक असर नहीं होता है और इनमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। आज ऐसे वक्त में जब जलवायु परिवर्तन देश-दुनिया के सामने प्रमुख चुनौती के रूप में उभर रहा है और खाद्य उत्पादन पर इसका असर पड़ रहा है। मोटे अनाज की खेती और इसका उपभोग भविष्य के लिए एक उम्मीद जगा रहा है।

ओडिशा की मिशन शक्ति मंत्री बसंती हेम्ब्रम ने कहा कि इस सम्मेलन से जनजातीय लोगों की आजीविका में और सुधार होगा। ओडिशा में अगले महीने आयोजित इस सम्मेलन का विषय ‘बाजरा-आधुनिक चुनौतियों के लिए प्राचीन अनाज’ है। आयोजन में लगभग 4000 से 5000 किसान, महिला एसएचजी सदस्य, किसान-उत्पादक संगठन सम्मेलन में भाग लेंगे। Photo Credit – Google.

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