भारत के विभिन्न हिस्सों में पैदा ड्रेगन फ्रूट अब विदेशी नागरिकों की पसंद बना है। हाल ही में ओडिशा से दुबई के लिए इस फल की खेप भेजी गई है।
मिली जानकारी अनुसार अब लंदन और बहरीन के लोग भारतीय ड्रैगन फ्रूट का लुत्फ उठाएंगे। गुजरात और पश्चिम बंगाल के किसानों के फाइबर और खनिज पदार्थो से समृद्ध ‘ड्रैगन फ्रूट’ या कमलम की खेप को लंदन और बहरीन भेजा गया है। भारत से पहली बार लंदन और बहरीन को ड्रैगन फ्रूट का निर्यात किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
जानकारी मिली है कि मंत्रालय ने कहा कि लंदन को निर्यात की जाने वाली खेप को गुजरात के कच्छ क्षेत्र के किसानों से लिया गया था, जबकि बहरीन की खेप पश्चिम मिदनापुर (पश्चिम बंगाल) के किसानों से मंगवाई गई थी। ड्रैगन फ्रूट की तीन मुख्य किस्में हैं-‘व्हाइट फ्लेश विथ पिंक स्किन’, ‘रेड फ्लेश विथ पिंक स्किन’ और ‘व्हाइट फ्लेश विथ येलो स्किन’।
गौरतलब है कि भारत में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था। ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में होता है।
इस साल की शुरुआत में गुजरात सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम कमलम रखने का फैसला किया था।
दुबई को ड्रैगन फ्रूट का अपना पहला स्टॉक – लगभग 4 क्विंटल – निर्यात किया। बलांगीर जिले के पटनागढ़ से ड्रैगन फ्रूट का निर्यात किया जा रहा है। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव भी उपस्थित थे।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर की। उन्होंने ‘X’ (पहले ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में लिखा, “बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ओडिशा से ड्रैगन फ्रूट के पहले निर्यात को हरी झंडी दिखाना हमारे राज्य की कृषि यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”