उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार शहरी क्षेत्रों के साथ अपनी योजनाओं को किसानों पर भी फोकस कर रही है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष के नाते परंपरागत भारतीय मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की है। उत्तर प्रदेश में भी परंपरागत मोटे अनाज बोने के लिए प्रेरित किया गया है।
अब उत्तर प्रदेश सरकार सूबे की 27 हज़ार ग्राम पंचायतों में किसान-पाठशालाएं शुरू करने को तैयार हैं। इन पाठशालाओं में किसानों को मोटे अनाज की खेती, पैदावार की सटीक व लाभकारी बिक्री, कीटनाशकों के विकल्पों पर पाठ के साथ दलहनी व तिलहनी फसलों की वैज्ञानिक तरीके से बुवाई-कटाई की जानकारी भी दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में 27 हज़ार ग्राम पंचायतों में से 17 हज़ार ग्राम पंचायतों में मोटे अनाजों के बारे में, करीब छह हज़ार में दलहन और चार हज़ार ग्राम पंचायतों में तिलहनी फसलों को लेकर पाठशालाओं में किसानों को जानकारी दी जाएगी। इन किसान पाठशालाओं में कॄषि विज्ञान केंद्रों के विषय विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका तय की गई है।
सूबे में किसान पाठशाला की पहल के लिए सभी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों को बतौर मुख्य ट्रेनर प्रशिक्षित किया जाएगा। फिर मास्टर ट्रेनर प्रदेश में विभिन्न स्तरों पर लगभग आठ हज़ार से अधिक संबंधित अधिकारियों को जानकारी देंगे
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