महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 2022-23 में 7.43 लाख से अधिक फर्जी जॉब कार्ड पकड़े गए हैं, जिन्हें हटा दिया गया है। इनमें से सर्वाधिक 2.96 लाख से अधिक फर्जी जॉब कार्ड उत्तर प्रदेश में पाए गए हैं।
गौरतलब है कि मनरेगा योजना के तहत सरकार 100 दिन काम की गारंटी देती है, ताकि ग्रामीण इलाकों के लोगों की वित्तीय मदद की जा सके और उन्हें रोजगार उपलब्ध काराया जा सके। मनरेगा के जरिए गांवों में तालाब खुदाई, सड़क, खड़ंजा मरम्मत समेत कई तरह के काम होते हैं।
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि 2022-23 में 7.43 लाख से अधिक फर्जी जॉब कार्ड पाए गए जिन्हें हटाया गया है। उन्होंने फर्जी जॉब कार्ड पर डेटा साझा किया, जिससे पता चला कि 2022-23 में 7,43,457 फर्जी जॉब कार्ड और 2021-22 में 3,06,944 फर्जी जॉब कार्ड हटा दिए गए।
मध्य प्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष में 27,859 और 2021-22 में 95,209 फर्जी जॉब कार्ड हटाए गए। इसी तरह बिहार में 80,203 और 27,062 फर्जी जॉब कार्ड पाए गए। झारखंड में 2022-23 में 70,673 और पिछले वर्ष 23,528 फर्जी जॉब कार्ड डिलीट किये गये। आंध्र प्रदेश में जहां 2021-22 में हटाए गए फर्जी जॉब कार्डों की संख्या 1,833 थी, वहीं पिछले वित्त वर्ष में यह कई गुना बढ़कर 46,662 हो गई। राजस्थान में 2022-23 में 45,646 और 2021-22 में 14,782 फर्जी जॉब कार्ड हटाए गए। पश्चिम बंगाल में 2022-23 में 5,263 जॉब कार्ड फर्जी होने के कारण हटा दिए गए और 2021-22 में 388 जॉब कार्ड हटाए गए।
उत्तर प्रदेश में जॉब कार्ड फर्जी होने के कारण सबसे अधिक संख्या में जॉब कार्ड हटाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में 2021-23 में 67,937 फर्जी जॉब कार्ड हटाए गए और 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 2,96,464 हो गई. 2022-23 में 1,14,333 फर्जी जॉब कार्ड और 2021-22 में 50,817 फर्जी जॉब कार्ड हटाए जाने के साथ ओडिशा दूसरे स्थान पर रहा।