रबी एवं खरीफ फसलों की ही तरह बागवानी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने ‘‘मुख्यमन्त्री बागवानी बीमा योजना’’ की शुरुआत की है। योजना के तहत बागवानी की विभिन्न फसलों जैसे सब्जी, फल एवं मसाला फसलों का बीमा किया जायेगा। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने ‘‘मुख्यमन्त्री बागवानी बीमा योजना’’ के नाम से एक नई बागवानी फसल बीमा योजना के पोर्टल की शुरूआत की। इस योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत 21 फसलों को शामिल किया गया है। इनमें 14 सब्जियां (टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिण्डी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पतागोभी, मूली), 2 मसाला फसलें (हल्दी, लहसुन) और 5 फल (आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची) शामिल किया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने बताया कि मुआवजा को चार श्रेणी 25, 50, 75 व 100 में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान की अवस्था में मुआवजा 50 प्रतिशत की दर से सब्जियो/मसालों के लिए 15,000 रूपये व फलों के लिए 20,000 तथा 75 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 22,500 रुपये व फलों के लिए 30,000 रूपये तय किया गया है|
योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी जो मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकृत होंगे। योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योरड) सब्जियों व मसालों के लिए रूपये 30,000 रूपए प्रति एकड़ व फलों के लिए रूपये 40,000 रूपए प्रति एकड़ होगी तथा किसान का योगदान/हिस्सा आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा जोकि सब्जियों में राशि 750 रूपए व फलों में राशि 1000 रूपये प्रति एकड़ होगी। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा योजना के लिए प्रारम्भिक पूंजी के रूप में राशि 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी।
योजना की निगरानी समीक्षा एवं विवादों का समाधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गठित राज्य स्तर व जिला स्तर की समितियों के माध्यम से किया जाएगा।