द्वाराहाट के भौंरा में तेंदुए ने तीन लोगों पर किया जानलेवा हमला, एक को हायर सेंटर रेफर किया गया है|
बागेश्वर : भालू ने चुचेर के जंगल में 70 वर्षीय बुजुर्ग पर हमला कर दिया। जान पर बन आई तो बुजुर्ग भालू से भिड़ गए। उन्होंने बड़्याठ (धारदार हथियार) से वार कर भालू को भगाया। उनका जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया| दैना में तेंदुए ने बुजुर्ग को बनाया निवाला, जंगल में मिला क्षत-विक्षत शव, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन उत्तराखण्ड में वन्य जीवों के मनुष्यों पर बढ़ते हमलों से गांव-किसानों में दहशत है| हमले लगातार बढ रहे हैं| पर्वतीय इलाका होने के कारण आबादी दूर दराज है| इलाज की सुविधाएं गांव में नहीं हैं| वन्यजीवों के हमले के बाद परिवार के पास पैसे तक नहीं होते हैं| ग्रामीण अरसे सरकार से मदद-मुआवजे की मांग करते आ रहे हैं
इसी मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने जंगली जानवरों के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को 50 लाख रुपये और घायलों को 10 लाख मुआवजा राशि देने की मांग सरकार से की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।
माहरा ने पत्र में कहा है कि विगत तीन वर्षों में जंगली जानवरों ने सैकड़ों लोगों की जान ली है और सैकड़ों लोगों को घायल किया है। इनमें गुलदार ने 66, हाथी ने 28, बाघ ने 13, भालू ने पांच एवं सांपों के काटने से 44 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
माहरा ने कहा कि प्रदेश में जंगली जानवरों के हमले के कारण भय और आतंक का माहौल बना हुआ है। विगत कुछ ही दिनों में लगभग 161 लोग वन्यजीवों के हमले का शिकार हुए हैं, जबकि 641 लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं।
महरा ने कहा कि इन आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जंगली जानवरों का कितना आतंक छाया हुआ है। जंगली जानवर छोटे-छोटे बच्चों को अपना निवाला बना रहे हैं। इससे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों में दहशत है।
सरकार की ओर से जंगली जानवरों के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है। माहरा ने सुझाव दिया कि वन विभाग की ओर से गांव-गांव में जन जागरण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा सकता है।