एक मीट्रिक टन में 10 क्विंटल होता है। दूसरी ओर एमएसपी पर गेहूं खरीदने के मामले में पंजाब ने रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में एक करोड़ मीट्रिक टन की खरीद पार कर ली है। एक मीट्रिक टन में 10 क्विंटल होता है।
इस साल फिर से खरीद में एक लाख मीट्रिक टन पार कर लेने का रिकॉर्ड पंजाब ने अपने नाम कर लिया है। पिछले वर्ष भी पंजाब ने देश में सबसे अधिक गेहूं तो खरीदा था, लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ 96.45 लाख मीट्रिक टन ही रह गया था। यह खरीद पिछले एक दशक में सबसे कम रही थी।
केंद्र ने इस साल 341.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा हुआ है। गेहूं पैदा करने वाले सूबों की सरकारों ने गेहूं का एमएसपी 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। एक अप्रैल को केंद्र के पास करीब 84 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक पहले से ही था, जो कि बफर स्टॉक मानक से अधिक था। एक अप्रैल को गेहूं का बफर स्टॉक 74.60 लाख टन ही चाहिए होता है।
अभी कई राज्यों में जून तक खरीद का कार्यक्रम चलेगा। जबकि पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी अभी करीब 60 लाख मीट्रिक टन की खरीद और बाकी है। इन सूबों में एमएसपी पर गेहूं खरीदने की जो रफ्तार है उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि अगले दस बजे 15 दिन में बाकी लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा। तीनों राज्यों की मंडियों में गेहूं की बंपर आवक हो रही है। इसलिए सरकार अपने टारगेट पूरा करने के लिए आश्वस्त दिख रही है।
उत्तर प्रदेश में पिछले साल मार्केटिंग सीजन 2022-23 में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया था। जबकि सिर्फ 3.36 लाख मीट्रिक टन की ही खरीद हुई थी। इसलिए इस बार वहां लक्ष्य घटाकर 35 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। अब यह घटा हुआ टारगेट भी पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा। यहां की अधिकांश अनाज मंडियां और खरीद केंद्र सूने पड़े हैं। किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने नहीं आ रहे।