पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने सीडलेस (बीजरहित) खीरे की एक ऐसी किस्म तैयार की है, जो खीरा उत्पादक किसानों को मालामाल कर देगी। इसकी खासियत यह है कि इसकी बेल पर लगने वाले हर फूल पर फल (खीरे) लगेंगे जिससे पैदावार में काफी वृद्धि हो जाएगी। इस किस्म का नाम है पंजाब खीरा- वन। पॉलीहाउस में लगने वाले इस खीरे में कड़वापन भी नहीं है।
पीएयू के सब्जी विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजिन्द्र कुमार ढल ने इस किस्म को तैयार किया है। उनका दावा है कि पंजाब में पहली बार इस तरह के गुणों से भरपूर बीजरहित और अधिक पैदावार देने वाली खीरे की किस्म तैयार की गई है। ढल के अनुसार पॉलीहाउस में लगाई जाने वाली खीरे की इस किस्म को तैयार करने में करीब सात साल लगे।
इस वैरायटी की खासियत यह है कि इसके खीरे में न तो बीज है और न ही कड़वापन। इस खीरे को बिना छीले ही खाया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी बेल की हर गांठ में मादा फूल होते हैं। जितने ज्यादा मादा फूल होंगे, उतने ही ज्यादा खीरे लगेंगे।
सीडलेस खीरे की खेती संकर किस्मों पर आधारित है| इन किस्मों को हॉलैण्ड से देश में लाया गया है| फिलहाल इस किस्म की खेती देश के कई राज्यों में होने लगी है| इस खीरे को उगाने के लिए पॉलीहाउस का सहारा लिया जाता है| यहां ये सालभर उगाए जा सकते हैं, इन्हें किसी भी तरह के परागण की आवश्यकता भी नहीं हैं|