राजस्थान में अब बकरी के दूध से साबुन तैयार किया जाएगा। यह साबुन त्वचा संबधी कई रोगों के इलाज में प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा ऑर्गेनिक गुणों के कारण त्वचा का रुखापन,ड्राई स्किन,डार्क स्पॉट को इस साबुन से ठीक किया जा सकता है। यह विशेष साबुन कई प्रकार के आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है।
बकरी के दूध से बने साबुन से त्वचा के रोगों को दूर करने का दावा किया जा रहा है| कहा जा रहा है कि इससे झुर्रियां, कील-मुंहासे और अन्य प्रकार के त्वचा रोग दूर हो रहे हैं| बकरी के दूध के साबुन के कई प्रकार के आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर इस साबुन से त्वचा संबधी कई रोगों के इलाज के अलावा इसमें मौजूद ऑर्गेनिक गुणों के कारण इससे त्वचा का रुखा पन, ड्राई स्किन, डार्क स्पॉट को ठीक किया जा सकता है|
संस्थान के निदेशक ब्रजेश कुमार ने प्रशिक्षण में महिलाओ से कहा कि प्रशिक्षण के दोरान साबुन बनाने की विधि गुणवत्ता,एवं नवाचार को बारीकी से सीखें एवं प्रशिक्षण के उपरांत बकरी के दूध के साबुन का बड़े स्तर पर उत्पादन करके रोजगार को बढ़ावा दे|
जानकारी के अनुसार आने वाले समय में इस संस्थान की ओर से बाजरी से बने बेकरी उत्पाद, बिस्कुट,गोट मिल्क सोप, पेपर फाइल कवर,अगरबत्ती मेकिंग, मोमबत्ती मेकिंग, हर्बल उत्पाद, मिलेट उत्पाद आदि प्रशिक्षण कार्यक्रमो का आयोजन किया जाएगा।
बहुत ही कम रुपयों में उपलब्ध होने वाला यह साबुन फरवरी महीने से बाजार में मिलने लगेगा। बाजार राजस्थान के होंगे। ये साबुन शरीर पर इस्तेमाल करने के साथ ही चेहरे पर भी खासतौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। साबुन बनाने वाले लोगों का दावा है|