पूर्वोत्तर भारत में तूफ़ान बिपरजाॅय का असर इस सूबेकी में कई मुसीबतें लेकर आया है। असम में ऊपरी जिले के कई इलाकों में भीषण बाढ़ के हालात हैं। किसानों की कई फसलें चौपट हो गई हैं। खेतों में चारों ओर पानी भर गया है जिससे फसलें बर्बाद हो गई हैं। यहां तक कि लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। किसान सरकार से फसलों के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। खेतों के अलावा गांव में भी बरसात का पानी भरा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जिले ऐसे हैं जो पूरी तरह से पानी से घिर गए हैं। लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया है। इन इलाकों में लोग छोटी-छोटी डोंगी का सहारा ले रहे हैं। बाढ़ का प्रकोप सबसे अधिक किसानों पर पड़ा है।मौसम की मार से यहां के किसान रो रहे हैं। इन किसानों की कई फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। इससे किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है। चारों ओर खेतों में पानी ही पानी दिख रहा है।
ऊपरी असम के कई जिले ऐसे हैं जहां लोगों की आय का मुख्य स्रोत खेती-बाड़ी है। लेकिन बाढ़ में यह मुख्य स्रोत बर्बाद हो गया है। लोग अब भविष्य को लेकर चिन्तित हैं। हज़ारों लोगों के सामने रोज़ी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। लोगों में राज्य-सरकार की उदासीनता को लेकर नाराज़ हैं।
असम के बाढ़ प्रभावित लोगों के सामने बड़ी समस्या पानी की है क्योंकि सारे हैण्ड पम्प बाढ़ के पानी के अंदर डूबे हैं। गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ के कारण पानी में ही शौच करना पड़ता है और उसी नदी के पानी को पीने के लिए भी इस्तेमाल करना पड़ता है। इससे अधिक उनके लिए दुर्भाग्य की बात और क्या होगी। लोग पानी से घिरे हुए हैं लेकिन पीने के पानी को तरस रहे हैं।
भारी बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। तमाम सरकारी दावों के बचाव के प्रयास प्रभावित इलाकों में चावल पहुंचाने तक। हैं।