राजस्थान में सबसे ज्यादा पशु लंपी स्किन रोग से प्रभावित हैं| इसलिए यहां पर पशुपालन क्षेत्र को इस बीमारी ने बहुत चोट पहुंचाई है| किसी को अंदेशा नहीं था कि यह बीमारी इतनी बढ़ जाएगी| पशुओं के इलाज के कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर से बीमारी फैलती गई| आनन-फानन में सरकार को दवाईयों और वैक्सीन के लिए बजट जारी करना पड़ा| विभाग में डॉक्टरों और कर्मचारियों की नियुक्ति करनी पड़ी| इसी कड़ी में सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है| ताकि पशुपालन विभाग का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो सके. अब विधायक निधि से पशु एंबुलेंस खरीदने की भी अनुमति दे दी गई है|
देश में अभी तक 30 लाख से अधिक पशु लंपी का शिकार बन चुके हैं| इनमें गाय भैंस हिरण व अन्य पशु भी शामिल हैं| राजस्थान में लंबी वायरस की चपेट में आने वाले पशुओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है| गायों को लंपी वायरस से बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने टीकाकरण अभियान तेज कर दिया है|
लंपी से सबसे ज्यादा गाय बीमारी हैं| गायों का न सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि अब यह सियासत का एक बड़ा मुद्दा भी हैं| बीमारी गायों के इलाज के लिए जनता का विधायकों पर खासा दबाव है| लेकिन विधायक निधि को वो इस काम में नहीं खर्च कर सकते थे| ऐसे में सरकार ने जनहित में यह फैसला लिया है| राज्य सरकार ने पहले ही दवा और वैक्सीन खरीदने के लिए 30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया हुआ है|
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि जिले में बीमार एवं घायल पशुओं के लिए जिले का कोई विधायक अपने कोटे की राशि से पशु एंबुलेंस खरीदने का प्रस्ताव संबंधित जिला परिषद (ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ) को भेज सकेंगे| इससे प्रदेशभर के पशुपालकों को लाभ मिलेगा| उन्होंने गौ वंश की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस संवेदनशील कदम से गौवंशीय पशुओं में फैल रहे लंपी स्किन रोग के नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी|