tag manger - अब पूरा साल उगा सकेंगे गुलदाउदी के फूल – KhalihanNews
Breaking News

अब पूरा साल उगा सकेंगे गुलदाउदी के फूल

अकसर सर्दियों में उगने वाले गुलदाउदी (फूल) का उत्पादन अब पूरे साल किया जा सकता है। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र धौलाकुआं के वैज्ञानिकों ने दिसंबर में तैयार होने वाले गुलदाउदी को जुलाई में उगाया है। वैज्ञानिकों का यह शोध पूरी तरह सफल रहा है। पुष्प उत्पादन से जुड़े किसान भी नए शोध के जरिये ऑफ सीजन में भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून और हरियाणा के अंबाला में गुलदाउदी की काफी ज्यादा मांग है। किसानों को गुलदाउदी के उत्पादन के लिए दिसंबर का इंतजार नहीं करना होगा।

वैज्ञानिकों ने गुलदाउदी के बेमौसमी उत्पादन के लिए पॉलीटनल तकनीक का इस्तेमाल किया। हाई डेनसिटी पॉलीशीट से वैज्ञानिकों ने गर्मियों में सर्द मौसम की तरह दिन छोटे कर दिए। तकनीक से पौधों को गर्मियों में एहसास कराया गया कि अब दिन छोटे हो गए। इन फूलों को पॉलीटनल में शाम चार से सुबह नौ बजे तक तिरपाल से डेढ़ माह ढककर ब्लैक आउट किया गया। फूल तैयार होने पर तिरपाल हटाई गई। इस तकनीक से सूर्य की रोशनी पर नियंत्रण किया गया। इसमें फूलों की किस्म के अनुसार कार्य किया गया।

वाईएस परमार बागवानी विवि के फ्लोरीकल्चर विभागाध्यक्ष डॉ. एसआर धीमान और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र धौलाकुआं की प्रमुख पुष्प वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका ठाकुर ने बताया कि पुष्प उत्पादन किसानों की कमाई का बेहतर जरिया है। पूरे साल गुलदाउदी किस्म के फूलों की खेती की जा सकती है। सिरमौर के मैदानी इलाकों में भी इसे बढ़ावा दिया जा सकता है। दिल्ली में 250 से 300 रुपये किलो फूल की मांग है।

पुष्प मार्च, अप्रैल में भी लिए जा सकते हैं। इसके लिए पौधों के ऊपर 100 वॉट के बल्ब लगाने होंगे। पौधों की वानस्पतिक वृद्धि होने के बाद बल्ब उतारने होंगे। पूरे प्रदेश में 67.01 हेक्टेयर भूमि पर फूलों की खेती होती है। धौलाकुआं में गुलदाउदी के सर्फ किस्म की पौधे का उत्पादन किया गया। इसमें व्हाइट स्टार, येलो स्टार, पूर्णिमा, स्प्रै आदि 25 तरह की किस्में हैं।

About admin

Check Also

हरियाणा : गन्ना मूल्य भुगतान के मामले में करनाल चीनी मिल सबसे आगे

हरियाणा में करनाल की सहकारी शुगर मिल प्रदेश के दूसरे मिलों के सामने मॉडल बनकर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *