हरियाणा के सभी गेहूं खरीद केन्द्रों पर आवक बढ़ी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का जोरों पर है। किसानों ने तौल कांटों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। अपने स्तर पर इन आरोपों की जांच भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पदाधिकारियों ने की। आरोप सही निकले।
एक रिपोर्ट के अनुसार करनाल की अनाज मंडियों में गेहूं खरीद और उठान के दौरान आढ़तियों द्वारा अतिरिक्त गेहूं तौलने का आरोप लगी है। यह आरोप भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने लगाया है। भाकियू की ओर से करनाल के 5 और कुंजपुरा के 2 दुकानों पर गेहूं के कट्टों की जांच की गई, जिसमें यह पाया गया कि हर कट्टे में 500 से 700 ग्राम तक अतिरिक्त गेहूं तौला गया है। इस पर भाकियू ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
हरियाणा प्रदेश भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की शिकायत की। इस दौरान भाकियू के जिला चेयरमैन साहब सिंह बाजवा और प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान के नेतृत्व में किसानों ने अपनी तरफ से जांच की है। जांच में यह खुलासा हुआ कि मंडियों में बिक्री हो चुके गेहूं के कट्टों का वजन निर्धारित मात्रा से अधिक पाया गया। शिकायत के बाद, मौके पर संबंधित मार्केट कमेटी के सुपरवाइजर को बुलाकर कार्यवाही करने की मांग की गई।
प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि हरियाणा की मंडियों में गेहूं तौल में बड़ा खेल चल रहा है और अधिकारीयों की गैरमौजूदगी में यह गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हर कट्टे में 500 से 700 ग्राम का फर्क है, तो यह लाखों रुपये का नुकसान किसानों को हो सकता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल की तौल खुद के सामने करवाएं और कहा कि भाकियू की ओर से मंडियों की निगरानी के लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई जाएंगी।
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने बताया कि गेहूं सीजन में किसानों की लूट को रोकने के लिए यूनियन ने विशेष कमेटियों का गठन किया है। बुधवार को भाकियू की टीम ने करनाल व कुंजपुरा मंडियों का दौरा किया। टीम ने अपना डिजिटल कांटा साथ ले जाकर मौके पर ही तुलाई की जांच की। जांच में खुलासा हुआ कि करनाल की मंडी में प्रति कट्टा 500 से 800 ग्राम तक गेहूं अधिक तौला जा रहा था। थानेसर मंडी में यह अंतर 5 से 11 किलो तक पाया गया।